आगामी 15 जुलाई को लखनऊ में आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक होनी है। बैठक में अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद के मसले पर भी चर्चा होनी है। ताजा घटनाक्रम को देखते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
तीन तलाक पर होगी ठोस चर्चा ?
बैठक में मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक और धार्मिक समस्याओं से जुड़े मसलों पर भी चर्चा होनी है। आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के अनुसार बैठक से पहले 30 जून और पहली जुलाई को हैदराबाद में बोर्ड के महिला विंग की भी बैठक हो रही है। इस बैठक में तीन तलाक के अलावा मुस्लिम महिलाओं से जुड़ी अन्य समस्याओं पर चर्चा होनी है। मुस्लिम औरतों को उनका हक कैसे मिले इस पर भी कुछ ठोस चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है। बैठक में जो प्रस्ताव तैयार होगा, उसे 15 जुलाई को आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी में पेश किया जाएगा।
मंदिर निर्माण, तीन तलाक बिल बीजेपी की प्राथमिकता
अयोध्या विवाद हो या फिर मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक और धार्मिक समस्याओं से जुड़े मसलों की बातें, आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दावा है कि ये उनके लिये अहम मामला जरुर है। लेकिन अयोध्या विवाद सुप्रीम कोर्ट में है, ऐसे में बोर्ड के सदस्य बयानों से परहेज करने की बातें भले करें लेकिन मामला गर्म है। लिहाजा सबकी निगाह एक बार फिर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आगामी बैठक पर हैं, क्योंकि बीजेपी भी मिशन 2019 में सफलता के लिए राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ तीन तलाक बिल को लेकर बेहद संजीदा है।
रामलला को भूल चुकी है बीजेपी: सत्येंद्र दास
वहीं राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या के संत अब मुखर होने लगे हैं। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि बीजेपी अब रामलला को भूल चुकी है। बीजेपी को सत्ता का अभिमान होने लगा है जिसके कारण वो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को भुला चुकी है। सत्येंद्र दास ने कहा कि जिस तरह से रावण और कंस को अभिमान हुआ था और उसका विनाश हुआ उसी तरह से बीजेपी को भी अभिमान हो गया है और अब वो विनाश की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में बीजेपी एक तीर से दो निशाने लगाने की सोच रही है।