अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के भीषण हादसे को पाँच दिन बीत चुके हैं, और अब तक 274 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। डीएनए मिलान के जरिए 92 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जिनमें से 47 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। इन मृतकों में अधिकांश अहमदाबाद, वडोदरा, खेड़ा, बोटाद और आसपास के क्षेत्रों से ताल्लुक रखते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की भी हुई मौत
इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की भी जान चली गई। सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा की है और उनका अंतिम संस्कार सोमवार शाम को राजकोट में किया जाएगा।
डीएनए पहचान टीम में 590 सदस्य
शवों की पहचान के लिए 590 सदस्यों की टीम लगाई गई है, जिसमें 36 फॉरेंसिक एक्सपर्ट, 8 महिलाएं और 554 मेडिकल स्टाफ शामिल हैं। परिजनों से डीएनए मिलान के बाद शवों को एम्बुलेंस के जरिए सुरक्षा के साथ उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है।
इसके लिए 230 विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो लगातार परिजनों से संपर्क में हैं। शवों को सुरक्षित रखने के लिए 100 ताबूत वडोदरा से अहमदाबाद लाए गए हैं।
अब तक 13 शव पोस्टमॉर्टम एरिया में
13 शवों के परिजन अस्पताल में मौजूद हैं और जल्द ही उन्हें शव सौंपे जाएंगे। कुछ परिजनों को अलग-अलग समय पर बुलाया गया है, जबकि जिनके एक से अधिक स्वजन की मृत्यु हुई है, वे डीएनए मिलान के बाद आएंगे।
केवल एक व्यक्ति बच पाया
पूरे विमान में सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बचा है। इस दुर्घटना में मेडिकल कॉलेज के पांच छात्रों सहित 29 अन्य लोगों की भी मृत्यु हो गई।
बी.जे. मेडिकल कॉलेज के सर्जरी प्रोफेसर डॉ. पटेल के अनुसार, घायल 51 लोगों में से 38 को छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि 13 का इलाज जारी है।
राहत कार्य और पहचान प्रक्रिया
राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि अब तक 230 मृतकों के परिवारों से संपर्क हो चुका है। केवल तीन यात्रियों के परिजन विदेश में होने के कारण डीएनए सैंपल नहीं दे सके हैं, जिनके जल्द भारत पहुंचने की उम्मीद है। पांडे ने यह भी बताया कि शवों के साथ परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र भी सौंपा जा रहा है, ताकि भविष्य में किसी तरह की कानूनी या प्रशासनिक दिक्कत न हो।