UCC पर बड़ा कदम! उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य में भी समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी

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UCC in Gujrat: उत्तराखंड के बाद अब गुजरात सरकार ने भी कॉमन सिविल कोड (UCC) लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस मुद्दे पर संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान किया। गुजरात सरकार ने UCC के क्रियान्वयन की संभावनाओं को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जो इस विषय पर विस्तृत अध्ययन करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी।

UCC लागू करने पर क्या बोले गुजरात CM?

सीएम भूपेंद्र पटेल ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “भारत अपनी संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रतिबद्धता को साकार करने की दिशा में गुजरात सरकार भी कदम बढ़ा रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “सरकार सभी धर्मों, समुदायों और नागरिकों के समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

UCC पर रिपोर्ट तैयार करेगी पांच सदस्यीय समिति

गुजरात में कॉमन सिविल कोड लागू करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है। इस पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना देसाई करेंगी। इसके अलावा सीएल मीणा, आरसी कोड़ेकर, दक्षेश ठाकर और गीता श्रॉफ भी इस समिति का हिस्सा होंगे।

सीएम पटेल ने बताया कि यह समिति राज्य के सभी धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों और कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। इस समिति को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी, जिसके आधार पर गुजरात सरकार UCC को लागू करने पर अंतिम निर्णय लेगी।

आदिवासी रीति-रिवाजों को मिलेगा संरक्षण

गुजरात सरकार ने स्पष्ट किया है कि कॉमन सिविल कोड लागू करने के दौरान आदिवासी समुदायों की परंपराओं और रीति-रिवाजों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं को संविधान और कानूनी दायरे में संरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए वादे को ध्यान में रखते हुए UCC लागू किया जाएगा ताकि किसी भी समुदाय के हितों को नुकसान न पहुंचे।

गुजरात में UCC लागू करने के क्या हैं मायने?

गुजरात सरकार का यह निर्णय देशभर में कॉमन सिविल कोड को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच बेहद अहम है। उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद अब गुजरात दूसरा राज्य बन सकता है, जहां इसे अमल में लाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कई बार देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करने की जरूरत पर जोर दे चुके हैं। गुजरात सरकार का यह कदम उसी दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।

कॉमन सिविल कोड लागू होने से देश में सभी नागरिकों के लिए समान कानून होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हों। इससे विवाह, तलाक, संपत्ति के अधिकार और उत्तराधिकार से जुड़े मामलों में समानता सुनिश्चित होगी और कानूनी जटिलताओं को कम किया जा सकेगा।

UCC को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

गुजरात सरकार के इस ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कई लोग इसे एक ऐतिहासिक फैसला बता रहे हैं, जबकि कुछ लोग इस पर बहस कर रहे हैं।

गुजरात सरकार का यह फैसला न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है और अब सभी की निगाहें समिति की रिपोर्ट और सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

गुजरात में कॉमन सिविल कोड लागू करने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सीएम भूपेंद्र पटेल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि UCC से संबंधित फैसले सभी धर्मों और समुदायों से विचार-विमर्श के बाद ही लिए जाएंगे। 45 दिनों के भीतर समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके बाद राज्य सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गुजरात सरकार UCC को कब और कैसे लागू करेगी और अन्य राज्य इससे क्या सीख लेते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में समान नागरिक संहिता की ओर बढ़ता यह कदम कितना प्रभावी होगा, यह आने वाले समय में साफ होगा।ृ