महागठबंधन के टूटने के बाद जेडीयू भी अब लगभग टूटने की राह पर है। विभाजन की कगार पर पहुंचे जनता दल (यू) के शरद यादव के समर्थन वाले नेताओं ने चुनाव आयोग में अपने गुट को असली जनता दल बताते हुए पार्टी के चुनाव चिन्ह व आवंटित कार्यालय पर भी दावा किया है। वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पार्टी वरोधी गतिविधी को लेकर जावेद रजा को महासचिव और विरेंद्र कुमार बिधुरी को सचिव पद से बर्खास्त कर दिया।
दरअसल शरद यादव नीतीश कुमार के महागठबंधन और बीजेपी में शामिल होने के फैसले से नाराज चल रहे थे जिसके बाद उनकी जगह पर संसद में आरसीपी सिंह को दल का नेता बना दिया गया। त्यागी ने शरद के रैली में भाग लेने पर बड़ी कार्रवाई के संकेत दिेए हैं। जद (यू) महासचिव के सी त्यागी के पत्र में यह साफ तौर पर शरद यादव से लालू यादव की रविवार को होने वाली रैली में न जाने के आग्रह के साथ कहा गया है कि यदि वे उसमें जाते हैं तो वे पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ काम करेंगे।
गौरतलब है कि शरद यादव इस रैली में जेडीयू की चेतावनी को दरकिनार कर शामिल हो रहे हैं। शरद ने जेडीयू को जवाब देते हुएल कहा कि उन्हें किसी का कोई डर नहीं हैं। वो वहीं करेंगे जो उनका मन कहेगा।
वहीं त्यागी के पत्र के जबाब में शरद यादव धड़े ने दावा किया है कि ज्यादातर राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, राज्यों के अध्यक्ष व कार्यकर्ता उनके साथ हैं। शरद समर्थक नेता व महासचिव पद से हटाए गए अरुण श्रीवास्तव ने कहा है कि हम लोग पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। उनको नीतीश कुमार कैसे हटा सकते हैं। हम लोग जद (यू) अध्यक्ष के साथ कोई लिव इन में नहीं रह रहे हैं कि जब चाहें अपनी मर्जी से हटा दें। दूसरी तरफ नीतीश कुमार समर्थकों का कहना है कि तीन सांसदों को छोड़कर सभी सांसद व विधायक व प्रदेश अधिकांश प्रदेश इकाइयां नीतीश के साथ हैं।
बता दें कि 27 अगस्त को बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में बीजेपी भगाओ देश बचाओ रैली का आयोजन किया गया। जिससे राजनीति पूरी तरह गर्मा गई है। इससे पहले ही बासपा प्रमुख मायावती ने खुद को इस रैली से अलग कर लिया। लेकिन शरद यादव का आना इस रैली में तय है।