अमेरिकी राजनीति में डोनाल्ड ट्रंप का अंदाज़ हमेशा उतार-चढ़ाव भरा रहा है। कभी बेहद सख्त तो कभी बेहद मुलायम। हाल ही तक भारत को कड़े संदेश दे रहे ट्रंप अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी को ‘शानदार प्रधानमंत्री’ और अपना ‘अच्छा दोस्त’ बताया है। वहीं मोदी ने भी इसका सकारात्मक जवाब देते हुए दोनों देशों के रिश्तों की अहमियत पर जोर दिया। सवाल उठता है कि आखिरकार ट्रंप के रवैये में यह बड़ा बदलाव क्यों आया? इसके पीछे 7 अहम वजहें छिपी हैं।
मोदी को लेकर ट्रंप का नया बयान
रूसी तेल आयात और ऊंचे अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों से उपजे तनाव के बीच, ट्रंप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पीएम मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की तस्वीर शेयर कर चिंता जताई थी कि भारत और रूस चीन के करीब जा रहे हैं। हालांकि जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमेरिका-भारत के बीच गहरे रिश्ते हैं और वह हमेशा मोदी के दोस्त रहेंगे। उन्होंने माना कि भारत का रूस से अधिक तेल खरीदना उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन मोदी बेहतरीन प्रधानमंत्री हैं।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप की बातों का स्वागत किया और कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी मजबूत, वैश्विक और दूरदर्शी है। उन्होंने ट्रंप की सकारात्मक राय की सराहना करते हुए इसे आपसी रिश्तों को और मजबूत बनाने का अवसर बताया।
ट्रंप के रुख बदलने की 7 बड़ी वजहें
- भारत का रूसी तेल पर अडिग रहना
भारत ने साफ कर दिया कि सस्ते और भरोसेमंद तेल की आपूर्ति जहां से मिलेगी, वहां से खरीदी जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो टूक कहा कि रूस से तेल खरीदना बंद नहीं होगा। यही नहीं, भारत का रूसी तेल आयात अगस्त की तुलना में 10-20% बढ़ने वाला है।
- SCO शिखर सम्मेलन से मजबूत संदेश
चीन में आयोजित SCO समिट में मोदी, पुतिन और जिनपिंग की नजदीकी ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। इस मंच से भारत ने दिखा दिया कि वह बहुध्रुवीय दुनिया में अपनी स्वतंत्र भूमिका निभाएगा।
- UNGA से पीएम मोदी की दूरी
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की उच्चस्तरीय बैठक में पीएम मोदी शामिल नहीं होंगे। भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे। इसे ट्रंप के भाषण से दूरी बनाने के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है।
- ट्रेड डील की कोशिशें
तनाव के बावजूद, भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत जारी है। कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों को लेकर मतभेद हैं, लेकिन नवंबर तक समझौते की उम्मीद जताई जा रही है। इस डील से दोनों देशों को बड़ा आर्थिक फायदा हो सकता है।
- अमेरिका में ट्रंप पर दबाव
भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले से ट्रंप को अपने ही देश में आलोचना झेलनी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बीते दो दशकों के रिश्ते कमजोर हो सकते हैं। खबरों के मुताबिक, टैरिफ विवाद के दौरान ट्रंप ने मोदी से कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।
- BRICS शिखर सम्मेलन
भारत BRICS बैठक में शामिल होकर अमेरिकी नीतियों पर वैश्विक विमर्श का हिस्सा बना। इस बैठक का मकसद अमेरिका के टैरिफ कदमों के खिलाफ सामूहिक रणनीति तैयार करना था।
- भारत की अहमियत
रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से भारत अमेरिका के लिए बेहद जरूरी है। इंडो-पैसिफिक में चीन का मुकाबला करने, लोकतंत्र और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण भारत अमेरिका का अहम पार्टनर है। साथ ही, अमेरिकी राजनीति और समाज में भारतीय मूल की बड़ी आबादी प्रभावशाली भूमिका निभाती है।