आईटी सेक्टर में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का सिससिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश की बड़ी आई टी कंपनियों में शामिल इंफोसिस और विप्रो के बाद अब टेक महिंद्रा ने भी अपने हजारों कर्मचारियों की छुट्टी कर दी है। यह कार्यवाही कंपनी के सालाना परफॉर्मेंस रिव्यू के आधार पर की जा रही है। कंपनी में 1.17 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। आईटी कंपनियों ने यह आगाह भी किया है कि आने वाले वक्त में ‘ऑटोमैटिक’ की वजह से हायरिंग में तेजी से कमी आएगी।

हालांकि महिंद्रा ने इन कर्मचारियों को नियमित प्रक्रिया से निकाले जाने की बात कही है। कंपनी ने ईमेल से भेजे एक बयान में कहा है, ‘हम हर साल परफॉर्मेंस के लिहाज से पीछे रहने वाले कर्मचारियों की छंटनी करते हैं। यह साल भी अलग नहीं होगा।’ कंपनी ने हालांकि यह नहीं बताया कि कितने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है

इससे पहले इंफोसिस और विप्रो ने भी कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अप्रैल में सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो ने अपने 600 कर्मचारियों को निकाला था। वहीं इंफोसिस  ने भी कर्मचारियों के कामकाज की सालाना समीक्षा और उनके प्रदर्शन को देखते हुए ये फैसला लिया था।

गौरतलब है कि रेवेन्यू में गिरावट और कम डिमांड की संभावना को देखते हुए बड़ी आईटी कंपनियां मुनाफे को बचाने की पूरी कोशिश करती हैं। इस मुनाफे के बचत के लिए अक्सर कंपनियां ‘सैलरी खर्च’ घटाने का प्रयास करती हैं। मौजूदा समय में आईटी कंपनियां इसी रास्ते पर बढ़ती हुई दिख रही हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक छंटनी के बाद अब कंपनियां अनुभवी कर्मचारियों की जगह कम अनुभवी कर्मियों को हायर कर सकती हैं।

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