आधार कार्ड को हर जगह बाध्य करने के लिए सरकार ने भले ही लोगों को मजबूर किया हो और इससे भले ही लोग काफी परेशान हुए हों लेकिन अगर इसके सकारात्मक पहलू पर नजर डालें तो एक हैरान कर देने वाली हकीकत सामने आती है। जी हां, देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक नंदन निलेकणि का कहना है कि भारत सरकार की आधार कार्ड स्कीम ने करीब 100 करोड़ लोगों को जोड़ा है जिससे सरकारी खजाने के करीब 58 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। उनका कहना है कि इससे फर्जी लाभार्थियों को सूची से हटाया जा सका है जिससे सरकार का पैसा सही हाथों में जाने लगा है। इससे सरकार के राजस्व घाटे में कमी आई है।
नीलेकणि ने कहा कि आधार कार्ड का नंबर यूनिक होने के कारण अब सरकार लोगों की पहचान कर सकती है। इससे सरकारी लाभ सीधे सही आदमी तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि लगभग 50 करोड़ लोगों ने अपनी आईडी को बैंक खाते से जोड़ दिया है। भारत सरकार लगभग 1200 करोड़ डॉलर प्रत्यक्ष रूप से बैंक खातों में भेज रही है। यह दुनिया का सबसे बड़ा कैश ट्रांसफर सिस्टम है। नीलेकणी ने कहा कि इस सिस्टम को पूर्व की यूपीए सरकार के दौरान लॉन्च किया गया था। उसके बाद वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काफी उत्साह के साथ इसे सपोर्ट किया।
वर्ल्ड बैंक पैनल में डिजिटल इकॉनामी पर हो रही चर्चा के दौरान नीलेकणि ने ये सब बातें कहीं। उन्होंने कहा कि डाटा इकोनॉमी के क्षेत्र में आइडेंटिटी, पेपरलेस ट्रांजैक्शन का होना काफी जरूरी है। यही काम भारत भी कर रहा है। कार्यक्रम में नीलेकणि ने कहा कि किसी भी देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का होना अतिआवश्यक है और अगर इस काम में मजबूती मिल जाती है तो यह एक बड़ी कामयाबी मानी जाएगी।