काबिलियत कभी जगह, समय और परिस्थितियां नहीं देखती। वो देखती है तो सिर्फ सफलता, गौरव और अभिमान। इस बात का सबूत देती है छत्तीसगढ़ की सुकमा जिले में रहने वाली माया कश्यप जिन्होंने अपनी मेहनत से एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा पास की। सुकमा जिले के दोरनापाल की रहने वाली माया कश्यप को एमबीबीएस में प्रवेश मिल गया है। दाखिला मिलने के बाद वह दोरनापाल से पहली डॉक्टर बनने वाली हैं। माया का सपना डॉक्टर बनने का है। वह जून में अपने इस सपने के और करीब आ गई जब उसने नीट की परीक्षा पास कर ली। ऐसे में अब सुकमा जिला सिर्फ नक्सलवाद के लिए ही नहीं माया कश्यप के लिए भी जाना जाएगा। वैसे ये हर कोई चाहता है कि नक्सलवाद के हर जिले से हजारों और लाखों के तादाद में ऐसी ही माया कश्यप निकले और देश के विकास में भागीदार बने।
माया ने अपनी मेहनत और लगन से साबित कर दिया है कि लक्ष्य पाने की इच्छा हो तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता है। बता दें कि माया का परिवार आर्थिक तंगी की दौर से गुजर रहा है। इसके बावजूद माया ने डॉक्टर बनने का लक्ष्य नहीं छोड़ा और मेहनत की। माया अपनी इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं। माया एक सरकारी स्कूल की छात्रा है। यहां बड़ी बात है कि अभी तक दोरनापाल से कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं निकला।
माया की बहन ने बताया, ‘पिता की मृत्यु के बाद हमारा परिवार आर्थिक परेशानी से लगातार जूझ रहा है। सारी परेशानियां उठाने के बाद माया बड़ी दृढ़ता से अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगे बढ़ती रही। माया ने बताया, ‘मेरा लक्ष्य था कि मैं एमबीबीएस में दाखिला लेकर देश की सेवा में खुद को समर्पित करूं। मैंने हमेशा एक डॉक्टर बनने का सपना देखा था जो पूरा होने वाला है।