तीन तलाक मुद्दे पर बात करना एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भारी पड़ गया। दक्षिण मुंबई के नागपाड़ा इलाके में जन संबोधन के दौरान एक अंजान ब्यक्ति ने ओवैसी पर जूता फेंक दिया। हालांकि असदुद्दीन को जूता नहीं लगा, लेकिन आरोपी शख्स की पहचान हो चुकी है। बता दे रात करीब पौने दस बजे, जब ओवैसी तीन तलाक के विरोध में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे, तभी अचानक एक शख्स ने उनको जूता फेंक कर मार दिया। उस व्यक्ति की उस हरकत से साफ़ साबित होता है, कि उसे ओवैसी का तीन तलाक के विरोध में बोलना पसंद नहीं आया, जिसके बाद उस व्यक्ति ने ऐसी हरकत कर डाली।
इस वजह से पड़ा जूता
अपने जन संबोधन के दौरान ओवैसी बोले, “मैं अपने लोकतांत्रिक अधिकार के लिए अपनी जान तक देने को तैयार हूं, ये सभी निराश लोग हैं जो यह नहीं देख सकते हैं कि तीन तलाक पर सरकार का फैसला जनता खासतौर पर मुसलमानों ने स्वीकार नहीं किया है”।
जूते के आक्रमण से बचने के बाद वह बोले, ये जूता फेंकने वाला व्यक्ति उन लोगों में से हैं, जों महात्मा गांधी, गोविंद पानसरे और नरेंद्र डाभोलकर के हत्यारों की विचारधारा को अपनाते हैं और मैं ऐसे लोगों से नहीं डरता, ऐसी हरकतों से यह हमें यह हमें उनके खिलाफ सच बोलने से नहीं रोक सकते हैं।
तीन तलाक का किया विरोध
तीन तलाक का विरोध करते हुए बोले, तीन तलाक के जरिए केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं को कोई न्याय नहीं दिलाना चाहती है,बल्कि ये हमारी शरियत पर हमला बोलना चाहती है। वह आगे बोले, अगर इन्हें तीन तलाक पीड़ित महिलाओं की इतनी ही चिंता है तो फिर उन्हें गुजारा करने के लिए गुजारा भत्ता के तौर पर हर महीने 15 हजार रुपए की मदद दे। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को अपने बजट में इस प्रावधान को भी जोड़ना चाहिए, जिसके तहत तलाक से पीड़ित महिलाओं को उनका गुजारा करने के लिए हर महीने 15 हजार रुपए दिए जाने चाहिए।
मोदी पर साधा निशाना
मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी बोले, कि 15 लाख नहीं दे सकते तो कम से कम 15 हजार ही दे दो मित्रों। बता दे, तीन तलाक संबंधी बिल पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में तो पास हो गया था लेकिन राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था।
बता दे, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जूता फेंकने वाली की पहचान हो चुकी है, बस जल्द ही गिरफ्तारी की जा सकती है। लेकिन इस घटना से एक बात साबित होती है कि ओवैसी तीन तलाक का पूरी तरह से विरोध कर रहे हैं और तीन तलाक में उन्हें कोई बुराई नहीं दिखती है, हालांकि जनता को ये बात पसंद भी नहीं आ रही है।