अब लगता है कि अच्छे दिन आने वाले हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री की 2022 तक सबको आवास देने का वादा भी पूरा होने वाला है। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) योजना में बदलाव का निर्णय किया है ताकि ईपीएफओ के सदस्य अपने लिए घर खरीदने या मकान के निर्माण के लिए अपने पीएफ अकाउंट से 90 फीसदी राशि की निकासी कर सकें। इससे ईपीएफओ के सदस्यों को जरुरी डाउन पेमेंट जुटाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से बुधवार को संसद में यह जानकारी दी गई। स्कीम में संशोधन के बाद कर्मचारी अपने ईपीएफ खाते से ही होम लोन की ईएमआई भी चुका सकेंगे। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ईपीएफ योजना 1952 में संशोधन के बाद सरकार अथवा आवासीय एजेंसी या प्राथमिक ऋण देने वाली एजेंसी या फिर संबंधित बैंकों को बकाया भुगतानों या फिर ब्याज की वापसी के लिए मासिक किस्तों का भुगतान भी सदस्य की जमा धनराशि से किया जा सकेगा।
नए नियमों के मुताबिक एपीएफ स्कीम का लाभ उठाने के लिए कम से कम 10 सदस्यों को सहकारी समिति बनानी होगी। दत्तात्रेय ने कहा कि प्रस्तावित अनुच्छेद को ईपीएफ स्कीम में जोड़े जाने की अभी तक अधिसूचना नहीं की गई है इसलिए अभी इसके लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया है।
ऐसे मिलेगा स्कीम का लाभ
ईपीएफओ के ग्राहक सदस्यों के साथ साथ उनके नियोक्ताओं को एक ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने की जरूरत होगी जो आगे बैंकों और बिल्डरों या विक्रेताओं से गठजोड़ करेंगे ताकि सदस्य घर खरीद सकें। इस योजना के तहत इस बात की परिकल्पना की गई है कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में कम से कम 20 सदस्य हों ताकि इस सुविधा का लाभ लिया जा सके। सूत्रों के अनुसार ग्राहक सदस्य विभिन्न आवास योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले लाभों को एक साथ जोड़ सकते हैं ताकि सरकार के सभी के लिए आवास के लक्ष्य पाने में आगे बढ़ा जा सके।