उत्तर प्रदेश के शामली में आज (मंगलवार) एक बड़ा हादसा हो गया। एक शुगर मिल से गैस रिसाव के कारण 300 बच्चे बीमार पड़ गए जिसमें लगभग 30 की हालत नाजुक बताई जा रही है। बीमार बच्चों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। समस्या ये है कि इतनी भारी संख्या में बच्चों के एडमिट होने से अस्पताल के भी हाथ-पांव फूल गए हैं। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने शामली प्रशासन को निर्देश दे दिया है कि इलाज और व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। साथ ही उन्होंने इस हादसे के जांच के भी निर्देश दे दिए हैं।
शामली में बुढ़ाना रोड पर एक सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय है। बच्चे विद्यालय में मौजूद थे। अचानक किसी दुर्गंध के कारण बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने बताया कि पास में ही एक शुगल मिल का बायो गैस प्लांट है जिसके कारण बच्चों की ऐसी हालत हुई। कुछ लोगों का कहना है कि प्लांट में काम कर रहे लोगों ने सड़क किनारे कैमिकल फेंक दिया। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि शुगर मिल में गैस रिसाव के कारण बच्चों की हालत खराब हो गई।
कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। दुर्गंध इतनी ज्यादा थी कि बच्चों के गले में जलन, छाती में जलन और घबराहट होने लगी। कई बच्चे स्कूल में ही बेहोश हो गए थे। ऐसे में इन बच्चों की ऐसी हालात का जिम्मेदार किसे माना जाए। जहां विद्यालय स्थापित है, ऐसी संवेदनशील जगह पर शुगर मिल का होना कहां तक न्यायसंगत है। प्रशासन ने इसकी खबर पहले क्यों नहीं ली। क्या इस तरह का दुर्गंध मिल से पहली बार निकला। ऐसे कई सवाल हैं जिसके जवाब प्रशासन और सरकार को जनता को देना चाहिए। बता दें कि शामली इलाके से यूपी सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा आते हैं।