आज देश के सभी सरकारी और ग्रामीण बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर हैं जिसके कारण आज लोगों के बैंक के काम बाधित हो सकते हैं। इस हड़ताल में देश के 10 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारी भाग ले रहे हैं। इस हड़ताल में ना सिर्फ बैंक बल्कि सभी सार्वजनिक बैंकों के एटीएम भी बंद हैं जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि यह हड़ताल केंद सरकार के द्वारा गलत आर्थिक नीतियों से नाराज होकर बुलाया गया है। बैंककर्मियों के 9 संगठन इस हड़ताल में शामिल हैं। इस हड़ताल को आवाहन करने वाले बैंक के नौ यूनियनों ने युनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियंस यानी यूएफबीयू के नेताओं के की मानें तो केंद्र सरकार जानबूझ कर बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को कमजोर कर रही है। इनके अनुसार सरकार फोरम द्वारा बार बार मुद्दा उठाए जाने के बावजूद सरकार जानबूझ कर 15 सूत्री मांगों को दरकिनार कर रही है।
इतना ही नहीं यूएफबीयू ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वो अक्टूबर-नवबंर में दो दिनों की हड़ताल करेंगे। इसके पहले 15 सितम्बर को दिल्ली में बड़ी रैली निकाली जाएगी।
कर्मचारी इन मांगों को लेकर कर रहे हड़ताल
-सरकारी बैंकों का निजीकरण बंद किया जाए।
-बैंकों के विलय पर रोक लगे कंपनियों के फंसे कर्ज को बट्टे खाते में नहीं डाला जाए जानबुझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों को अपराधी करार दिया जाए।
-फंसे कर्ज की वसूली पर संसदीय समिति की सिफारिशों पर अमल किया जाए।
-फंसे कर्ज के लिए बैकों में शीर्ष पर बैठे लोगों की जवाबदेही तय की जाए बैंक बोर्ड ब्यूरो रद्द किया जाए।
-जीएसटी के नाम पर सर्विस चार्ज नहीं बढ़ाय। नोटबंदी की लागत की भरपाई की जाए सभी स्तर पर पर्याप्त संख्या में नई नियुक्ति की जाए।
-सभी स्तर पर पर्याप्त संख्या में नई नियुक्ति की जाए।
गौरतलब हैं कि इस देशव्यापी हड़ताल में देशभर के सार्वजनिक बैंकों की 1,32,000 शाखाओं के कामकाज प्रभावित रहेंगे। वहीं निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस और कोटक महिंद्रा बैंक में कामकाज सामान्य रहने की संभावना है।