भारत में कोरोना की दूसरी लहर तबाही लेकर आई है। अस्पतालों में बेड़ नहीं है। सीढ़ियों पर मरीज बैठकर इलाज का इंतजार कर रहे हैं। इलाज के इंतजार में अस्पताल के बाहर दम तोड़ रहे हैं। ऑक्सीजन की भारी कमी है। देश में 24 घंटे के भीतर 2 लाख से अधिक मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। वहीं 1,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है। लखनऊ में श्मशान घाट पर जगह नहीं बची है। वहीं वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर लोग शवों को जलाने के लिए लाइन लगा कर कई दिनों से इंतजार कर रहे हैं। इस भयंकर मंजर के बीच देश में चुनाव चल रहा है। विधानसभा चुनाव भी हो रहा है और पंचायत चुनाव भी चरम पर है। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में हो रहा विधानसभा चुनाव में रैलियों के दौरान भारी भीड़ देखी जा रही है।
नेता बिना मास्क जनता को संबोधित कर रहे हैं। कोरोना तबाही के बीच बंगाल में भारी भीड़ को देखते हुए चुनाव आयोग ने बंगाल में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य के बाकी 3 चरणों के लिए चुनाव प्रचार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही आयोग सभी दलों से कोरोना गाइडलाइन के पालन को लेकर सख्त दिशा निर्देश जारी कर सकता है।
चुनाव प्रचार के दौरान लोग एक के ऊपर एक चढ़ कर खड़ें हैं। सोशल डिस्टेंसिंग छोड़ दीजिए बिना मास्क फोटो खिचवाने में जनता लीन है। जनता तो जनता साथ ही मास्क को बारे में सोशल मीडिया से लेकर टीवी पर भाषण देने वाले राजनेता भी बिना मास्क दिख रहे हैं। इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग सर्वदलीय बैठक में चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रख सकता है। संविधान के अनुच्छेद-324 के तहत शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए उसके पास यह अधिकार है। ऐसे में चुनाव आयोग राज्य में बड़ी रैलियों, रोड शो और जनसभाओं के बजाय वह सियासी पार्टियों को कुछ संख्या में कार्यकर्ताओं के समूहों में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए डोर-टू-डोर प्रचार करने का प्रस्ताव रख सकता है।
बता दें कि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना के कारण चुनाव आयोग को कहा था कि, बचे हुए चार चरणों के चुनाव को एक साथ ही कराया जाए। पर चुनाव आयोग का कहना है कि, बाकी बचे चरणों के चुनाव को एक साथ नहीं कराया जा सकता है। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि नामांकन वापस लेने की आखिरी तिथि और मतदान की तारीख के बीच कम से कम 14 दिन का अंतर होना चाहिए।
गौरतलब है कि, देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहा था जिसमे से असम, केरल, तमिलनाड़ु और पुडुचेरी में मतदान संपन्न हो गया है। वहीं पश्चिम बंगाल में चार चरणों का चुनाव खत्म हो गया है। अन्य चार चरणों का मतदान 17, 22, 26, 29 अप्रैल को होने वाला है। ऐसे में कोरोना का खतरा राज्य में अधिक है।