Zika Virus: अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया है कि जीका वायरस अधिक संक्रामक है। यह खोज इस महीने की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी चेतावनी के बाद किया गया। वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगली महामारी जीका और डेंगू जैसे बीमारी से हो सकती है। अमेरिका में ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी (LJI) के शोधकर्ताओं ने जीका वायरस में नए म्यूटेशन की पहचान की है। जिसका नाम NS2B I39V /I39T दिया गया है।
प्रोफेसर सुजान श्रेष्ठ बोले- Zika Virus से सावधान रहने की जरूरत
बता दें कि यह चूहों और मच्छरों दोनों में वायरस को दोहराने की क्षमता को बढ़ा देता है। अमेरिका में ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी (एलजेआई) के प्रोफेसर सुजान श्रेष्ठ ने कहा कि हम सभी को इस जीका वायरस के नए रूप से सचेत रहने की जरूरत है।
गौरतलब है कि जीका वायरस मच्छरों में पाया जाता है। 2016 में इसका काफी असर रहा है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जीका वायरस के लिए अमीनो एसिड के परिवर्तन को प्राप्त करना आसान है जो वायरस की म्यूटेशन में मदद करती है और संक्रमण को अधिक आसानी से पकड़ने में मदद करता है।
Zika Virus विषाणु को बढ़ाने के लिए पर्याप्त
मेक्सिको में ग्वाडलजारा विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर जोस एंजेल रेगला-नावा ने कहा कि यह जीका वायरस विषाणु को बढ़ाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि ये मानव में वायरल रोगजनकता को बढ़ा सकती है। जीका वायरस और डेंगू वायरस दुनिया भर के कई देशों में ओवरलैप करते हैं।
जीका की तरह, डेंगू वायरस एक मच्छर जनित फ्लेविवायरस है। इसके अलावा, श्रेस्ता ने कहा कि जिन क्षेत्रों में जीका प्रचलित है, वहां अधिकांश लोग पहले ही डेंगू वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और उनके पास टी कोशिकाएं और एंटीबॉडी दोनों हैं जो क्रॉस-रिएक्शन करते हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डेंगू बुखार उन 130 देशों में सालाना 39 करोड़ लोगों को संक्रमित करता है जहां यह स्थानिक है, जबकि जीका वायरस कम से कम 89 देशों में पाया गया है।
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