Health News: विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से हाल में जारी रिपोर्ट में कई चिंताजनक बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार 5 वर्ष से कम आयुवर्ग के करीब 3 करोड़ से अधिक बच्चे मोटापे के शिकार हैं। वहीं भारत की बात करें तो यहां इस आयुवर्ग में करीब 1.8 करोड़ से ज्यादा बच्चे मोटापे की चपेट में हैं।
इनकी संख्या में तेजी के साथ इजाफा भी हो रहा है। भारत पहले ही व्यस्कों में बढ़ते मोटापे को लेकर दुनिया के शीर्ष 5 देशों में शुमार है।दूसरी तरफ मोटोप से निपटने के लिए तैयारियों की 183 देशों की सूची में भारत 99वें स्थान पर आता है।
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Health News: मोटापे का आर्थिक प्रभाव भी
यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस के अनुसार भारत में वर्ष 2030 तक करीब 2.7 करोड़ से अधिक बच्चे मोटापे का शिकार हो सकते हैं।यानी विश्व स्तर पर हर 10 में एक बच्चा भारत से होगा। दूसरी तरफ इसका आर्थिक प्रभाव भी है। वर्ष 2019 तक 23 अरब डॉलर था, जोकि वर्ष 2060 तक 479 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।यूनिसेफ के पोषण प्रमुख डॉ.अर्जन का कहना है कि ये आंकड़े वाकई चिंता वाले हैं।
भारत के बच्चों में तेजी से बढ़ता मोटापा बड़ी समस्या है। ऐसे में शरीर में बहुत अधिक वसा का एकत्र होना यानी कई रोगों को बुलाना है। जिसमें टाइप-2 डायबिटिज, किडनी और हडडी के रोग, दिमागी समस्या, लिवर की बीमारियां, कैंसर और विकलांगता का जोखिम बहुत बढ़ जाता है।
Health News: बदलती जीवनशैली का है असर
दरअसल बच्चों में बढ़ते मोटापे का असर बदलती जीवनशैली और खानपान है। ऐसे में इसे नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। बच्चों को हल्का और सुपाच्य भोजन दें। फास्टफूड से परहेज करें।खाने में ताजा फल एवं तरल पदार्थ भी दे सकते हैं।
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