Child Health: नवजात और 1 वर्ष से कम आयु के बच्चों के बीच ‘Sudden Infant Death Syndrome’ की समस्या मिलना चिंताजनक बात है।स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार देश में इसका प्रसार अधिक तो नहीं, लेकिन हर 10 में 2 बच्चों में ये समस्या आम है। ये देखने में आया है कि इस समस्या में अचानक बिना किसी रोग और लक्षण बच्चे की मृत्यु हो जाती है। हालांकि इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी रिपोर्ट में इस बात की तस्दी की गई है कि पिछले 25 वर्षों के दौरान इस मामले में काफी गिरावट देखने को मिली है।
Child Health: Sudden Infant Death Syndrome के लक्षण
सामान्यत: इस रोग का कोई खास लक्षण नहीं होता। हालांकि इसकी अलग-अलग वजहें देखने को जरूर मिलतीं हैं। जोकि बच्चे के मस्तिष्क, जन्म, श्वसन संक्रमण, मुंह के बल सुलाना आदि हैं। आइये जानते हैं इन वजहों के बारे में विस्तार के साथ।
Child Health: Sudden Infant Death Syndrome की वजहें
दरअसल कुछ शिशु विकृत मस्तिष्क संबंधी दिक्कतों के साथ पैदा होते हैं। जो शिशु में (SIDS) यानी Sudden Infant Death Syndrome होने का खतरा बढ़ाते हैं। वहीं कुछ शिशुओं में मस्तिष्क का वह भाग सही ढंग से विकसित ही नहीं हो पाता, जो श्वसन एवं अन्य प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है।
कुपोषण और वजन कम होना: जो शिशु कुपोषण या कम वजन से ग्रसित होते हैं। उनका शरीर में प्रतिरोधक क्षमता तो दूर अन्य विकास होने में भी देरी होती है। लिहाजा शिशु की मृत्यु हो जाती है।
शिशु को अधिक गर्मी लगना: अगर शिशु को बार-बार पसीना आता हो, वो बेचैन रहे या रोये तो उसे किसी ठंडी और हवादार जगह पर लेकर जाएं। वातावरण शुद्ध और प्रदूषण रहित हो इस बात का पूरा ध्यान रखें। बच्चे की सोने की पॉजिशन और सांस लेने के तरीके पर ध्यान दें।
शिशु के सोने की जगह का रखें खास ध्यान: इस बात पर बेहद ध्यान रखें कि जहां कहीं भी आपका बच्चा सोए, वातावरण शांत हो, बिस्तर का साफ होना जरूरी है। बच्चे के इर्द -गिर्द किसी प्रकार की वस्तु न छोड़ें। मसलन तकिया, खिलौना आदि। बच्चे के मुंह को अनावश्क हो तो न ढकें। किसी बड़े को उसके आसपास धूम्रपान कतई न करने दें। सांस कम आने और अन्य दिक्कत होने पर जल्द से जल्द बाल रोग विशेषज्ञ के पास जाकर जांच जरूर करवाएं।
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