AIIMS : कैंसर, ऑपरेशन और आंत फटने जैसे मरीजों की दिक्कतों को दूर करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली और स्टैनफोर्ड केयर ने मिलकर एक खास कैप तैयार की है।जिसे स्टोमा बैग की जगह लगाया जाएगा। मल-मूत्र निकालने के लिए अब अलग से स्टोमा बैग लटकाने की जरूरत नहीं होगी।इसके बाद मरीज जरूरत पड़ने पर कैप का ढक्कन खोलकर मल-मूत्र त्याग कर सकेंगे।
एम्स के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट से मिली जानकारी के अनुसार बड़ी आंत की समस्या के बाद बनाए गए स्टोमा में अब बैग की जगह कैप का इस्तेमाल होगा।
AIIMS: कई मरीजों पर किया गया परीक्षण
AIIMS: एम्स से मिली जानकारी के अनुसार इस कैप का इस्तेमाल अब तक करीब 50 मरीजों के ऊपर किया जा चुका है।जिसके बेहतर परिणाम भी सामने आए हैं।इस कैप को स्टोमा पर चिपका दिया जाता है।ये बैग के मुकाबले ज्यादा समय तक चलता भी है।जानकारी के अनुसार ये कैप अभी केवल उन मरीजों को लगाई जा रही है,जिनके मल-मूत्र में ज्यादा तरल मात्रा न हो। जल्द ही इसमें थोड़ा और बदलाव भी किया जा सकता है, ताकि परिणाम और बेहतर आएं।मालूम हो कि एम्स में रोजाना देशभर से बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं।इनमें जटिल रोग, ऑपरेशन एवं अन्य व्याधियों से पीडि़त लोगों की संख्या अधिक होती है।
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