Donkey Cutout: देश की राजधानी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से पूर्व बंदरों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।हालांकि लुटियंस दिल्ली के अंदर कई स्तरों पर सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं।जगह-जगह नाकेबंदी कर दी गई है।इलाके में बंदरों के उत्पात को काबू करने के लिए अब एनडीएमसी, एमसीडी और अन्य एजेंसियों ने लंगूर का कटआउट हर चौक-चौराहों पर लगा दिया है।लंगूर के कटआउट की सुरक्षा में दो गार्ड भी तैनात किए गए हैं।
लुटियन दिल्ली के इलाके में ये तामझाम बंदरों के आतंक से निपटने के लिए किया जा रहा है।इसका मकसद 8 से 10 सितंबर के दौरान बंदरों की बेरोकटोक आवाजाही को रोकना है, ताकि विदेशी मेहमान परेशान न हों। न ही बंदर उनकी मूवमेंट में बाधा उत्पन्न कर सके। लंगूर के जो कटआउट लगाए हैं, वहां पर दो सुरक्षा गार्ड भी तैनात होंगे। दो में से एक लंगूर की तरह आवाज निकालने में माहिर होगा, जबकि दूसरा कटआउट की रखवाली करेगा।

Donkey Cutout: यहां है बंदरों का आतंक
Donkey Cutout: गौरतलब है कि बंदरों का आतंक सबसे ज्यादा लुटियन दिल्ली इलाके में ही है।वहां पर इनकी गेदरिंग ज्यादा होती है, जहां पर विदेशी मेहमान आकर सबसे ज्यादा ठहरेंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरदार पटेल रोड स्थित दिल्ली भू विज्ञान केंद्र के पास दो कटआउट लगाए गए हैं। इनके साथ गार्ड की भी तैनाती की गई है। जी 20 सम्मेलन के लिहाज से सरदार पटेल रोड सबसे अहम है।इस रोड पर स्थित होटल में विदेशी मेहमान ठहरेंगे।
इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित अन्य वीआईपी लोग भी शामिल हो सकते हैं। इस सड़क पर अक्सर बंदरों का आतंक रहता है।ह 11 मूर्ति से ताज होटल तक बंदर रिज क्षेत्र से निकलकर बाहर सड़क पर आ जाते हैं। मालचा मार्ग पर बंदरों का आतंक सबसे ज्यादा है। ये इलाके दिल्ली के अति सुरक्षित इलाकों में शामिल हैं। यही वजह है कि जी20 सम्मेलन के दौरान इन बंदरों को सड़कों तक आने से रोकने के लिए लंगूरों के कटआउट का बेहतर विकल्प माना गया है।
Donkey Cutout: उच्च स्तरीय बैठक आयोजित
Donkey Cutout: नई दिल्ली क्षेत्र में सेना भवन, शास्त्री भवन, ताज पैलेस होटल सहित अन्य जगहों पर भी बंदरों का आतंक है। एनडीएमसी की योजना यह है कि अगर इन इलाकों में कटआउट से बात नहीं बनी तो बंदरों के आतंक पर काबू पाने के लिए पड़ोसी राज्यों से लंगूर लाने की भी योजना है। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, एनडीएमसी, एमसीडी सहित अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ इस मसले पर उच्च स्तरीय बैठक भी की है। बंदरों के आतंक को दूर करने के लिए एनडीएमसी 30 ऐसे लोगों की इन इलाकों में तैनाती करेगा, जो लंगूर की आवाज निकालने में माहिर हैं।
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