G 20 Summit: G20 Summit में पहुंचने वाले विदेशी प्रतिनिधियों के लिए हर पल बेहद खास रहने वाला होगा। जी हां, तैयारियों से लेकर दिल्ली
को नए रुप में लाने के बाद अब जी20 कल्चर कॉरिडोर में बेहद खास चीज संजोकर रखने की तैयारी की जा रही है। वो चीज है ॠग्वेद। ॠग्वेद की सबसे पुरानी पांडुलिपि मंगवाई गई है, ताकि देश और विेदेश से आए डिप्लोमेट इसे देख सकें और इसे समझ सकें।वर्ष 2007 में यूनेस्को ने ॠग्वेद को
वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया था। लेकिन उसके बाद इसका क्या हुआ? ये प्रति आखिर कहां पर है? उसे सहेजने के लिए कौन से रसायन का इस्तेमाल होता है।
G 20 Summit: आखिर क्या बात है ॠग्वेद में?
G 20 Summit: ऐसा माना जाता है कि ॠग्वेद पूरी दुनिया की सबसे पहली पुस्तक और पहला धर्मग्रंथ है।कहा जाता है कि ये ईश्वर ने खुद ऋषियों को सुनाया था। बोलचाल की भाषा में समझें तो वेद यानी ज्ञान। दुनिया के ज्यादातर इतिहासकार मानते हैं कि ऋग्वेद ही -यूरोपियन फैमिली की पहली लिखित चीज है। इतिहासकारों के मुताबिक इसे 15 सौ से 1000 ईसा पूर्व पहली बार लिखा गया।
ॠग्वेद के अंदर कुल 1028 सूक्तियां हैं, जो वेद मंत्रों का समूह हैं। ज्यादातर सूक्तियां देवताओं की स्तुति से जुड़ी हैं, लेकिन कुछ सूक्तियां मानव जीवन के दूसरे पहलुओं का जिक्र है।
इसके अंदर करीब 125 ऐसी औषधियों का जिक्र है, जो शरीर और मन की सेहत बनाए रखने में मदद करती हैं। चूंकि ये श्रुत यानी सुनकर लिखे हुए दस्तावेज हैं इसलिए कई बार इसपर विवाद भी हुआ।हालांकि वेदों को दुनिया की बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत माना जाता है।
G 20 Summit:यहां संग्रहित है सबसे पुरानी प्रति
G 20 Summit:ऋग्वेद की सबसे पुरानी प्रति भोजपत्र पर लिखी हुई है, जिसे पुणे के भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट में रखा गया है। इनमें से एक पांडुलिपि शारदा स्क्रिप्ट में लिखी हुई है, जबकि बाकी 29 मेनुस्क्रिप्ट देवनागरी में हैं। इनमें बहुत से ऐसे फीचर हैं, शब्दों के ऐसे उच्चारण हैं, जो फिलहाल कहीं नहीं दिखते।
ये कॉपी 5 सौ साल से भी पुरानी है, जिसे जर्मन प्रोफेसर जोहान जॉन बुहलर ने सहेजकर रखा था। जानकारी के अनुसार मेनुस्क्रिप्ट बर्मीज सागौन की अलमारियों में रखे हुए हैं। भोजपत्र वाली कॉपीज को पतले कपड़ों और टिश्यू पेपर के साथ रखा गया, जबकि जो पांडुलिपियां कागज की हैं, उन्हें मजबूत कार्डबोर्ड वाले बॉक्सों में लाल कपड़े से ढककर फिर अलमारी में रखा गया है।
G 20 Summit:आखिर क्या काम करता है BORI?
G 20 Summit: वर्ष 1917 में बने BORI का काम बेहद पुरानी पांडुलिपियों और दुर्लभ किताबों को सहेजना है। लंबे-लंबे कमरों और ऊंची सीलिंग वाले इंस्टीट्यूट में भारत ही नहीं, और ऊंची सीलिंग वाले इंस्टीट्यूट में भारत ही नहीं, दुनियाभर की 28 हजार से ज्यादा मेनुस्क्रिप्ट रखी हुई हैं। इस संस्थान में पहली इस्लामिक कैलीग्राफी, जिसे नक्ष कहते हैं, वो भी संभालकर रखी हुई है. यहां पर भोजपत्र पर लिखी 140 मेनुस्क्रिप्ट हैं, जबकि 50 से ज्यादा कॉपीज ताड़पत्र पर लिखी हुई हैं।
किताबों को समय-समय पर धुंआ दिखाया जाता है, ताकि दीमक और नमी इन्हें खराब न करे। ड्राई ब्रशिंग भी की जाती है।इनका पीएच टेस्ट भी होता है।
इंस्टीट्यूट अब किताबों का डिजिटल एडिशन भी बना रहा है ताकि अगर कोई किताब किसी वजह से खत्म भी हो जाए तो ऑनलाइन मिल सके।
जानिए कितने हैं वेद?
- ऋग्वेद- ये सबसे पहला वेद है, जो पद्यात्मक है. इसमें इंद्र, अग्नि, रुद्र,वरुण, मरुत, सवित्रु ,सूर्य और दो अश्विनी देवताओं की स्तुति है. इसकी कई शाखाएं हैं।
- यजुर्वेद- इसमें अग्नि के जरिए देवताओं की दी जाती आहुति के बारे में बताया गया. यज्ञ की विधियों और मंत्रों के अलावा यहां तत्वज्ञान भी मिलता है।
सामवेद- साम का मतलब है गीत-संगीत. इसमें संगीत पर खासा जोर दिया गया. इसे सामगान भी कहते हैं।
अथर्ववेद- इस वेद में आयुर्वेद, रहस्यमयी विद्याओं का जिक्र है।बीमारियों के इलाज से लेकर धन प्राप्ति के तरीके भी बताए गए हैं। वेदों के अलावा 4 उपवेद भी हैं, आयुर्वेद, धनुर्वेद, गंधर्ववेद और अर्थशास्त्र।
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