कोरोना ने छीनी थीं तीन ज़िंदगियाँ , अब गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड ने दिया ” पुनर्जन्म “

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    Gunjan

    ग़ाज़ियाबाद :  ग़ाज़ियाबाद के एक परिवार के लिए मई में कोरोना कहर बनकर आया था| 45 वर्षीय मेडिकल स्टोर संचालक और उनके माता पिता की कोरोना से मृत्यु के बाद आरती ( परिवर्तित नाम ) ने जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंज़ूर था| शादी के 15 साल और पति की मौत के बाद सरोगेसी से जन्मे बच्चे से महिला को ज़िन्दगी जीने की दूसरी राह दी है| महिला का कहना है उनके पति का बेटे के रूप में  ” पुनर्जन्म” हुआ है।

    रवि शर्मा ( परिवर्तित नाम ) की इंदिरापुरम में मेडिकल स्टोर की दूकान है। शादी के 15 साल बाद भी रवि और उसकी पत्नी के कोई बच्चा नहीं हुआ था| किसी करीबी ने रवि को इंदिरापुरम स्थित गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड के बारे में जानकारी दी। रवि और उसकी पत्नी  ने गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड को संपर्क किया।

    डॉक्टर  गुंजन गुप्ता गोविल से परामर्श के बाद रवि और उसकी पत्नी ने सरोगेसी से बच्चे का विकल्प चुना था | अनुबंध के तहत दम्पति की सहमति से सरोगेट में  एम्ब्र्यो ट्रांसफर भी हो गया। इसी बीच रवि और उसके परिवार का गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड की टीम से संपर्क टूट गया| टीम ने परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सभी नंबर स्विच ऑफ आये। जब चार दिन तक सभी नंबर स्विच ऑफ मिले तो गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड की टीम रवि के घर पहुंची| घर पहुंचने पर पता चला कि रवि, उसके पिता, माता और पत्नी सभी कोरोना से पीड़ित हैं और अस्पताल में हैं।

    सरोगेट के प्रेग्नेंट होने से बहुत खुश थे मृतक : सरोगेट के प्रेग्नेंट होने की सूचना रवि और उसके परिवार को अस्पताल के आईसीयू में दे दी गयी थी, डॉक्टर गुंजन गुप्ता ने बताया कि कोरोना से जंग लड़ने के दौरान रवि को पूरा भरोसा था कि वह ठीक हो जायेंगे और एम्ब्र्यो ट्रांसफर सफल होने कि बाद वह सरोगेट को मिलकर आशीर्वाद भी देना चाहते थे, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंज़ूर था | आखिरकार रवि, उसके पिता और माता कोरोना से जंग हार गए। किसी तरह रवि की पत्नी कोरोना को मात दे पायीं।

    रवि की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने जिंदगी जीने की उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन सरोगेट की कोख में पल रहे अपने बच्चे ने उन्हें जीने का मकसद दिया। सरोगेसी से बेटा होने की सूचना जब महिला को मिली, तो उन्हें ऐसा लगा जैसे पति का बेटे के रूप में “पुनर्जन्म” हुआ है। महिला का कहना है कि गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड ने उन्हें जीने का मकसद दिया है, इसके लिए वो और उनका बेटा हमेशा गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड के आभारी रहेंगे।

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