Water Crisis: जीवन की कल्पना पानी के बिना अधूरी है। इंसान कुछ समय के लिए बिना खाए रह सकता है, लेकिन पानी के बिना एक दिन भी गुजारना नामुमकिन है। बावजूद इसके इंसान लापरवाही से पानी का इस्तेमाल करता है। हर रोज लोग ना जाने कितने लीटर पानी अपने छोटे-मोटे कामों के लिए खर्च कर देते हैं। पानी के फिजूल इस्तेमाल से विश्वभर में पानी के स्रोत लगातार खत्म होते नजर आ रहे हैं।
ऐसे में विश्वस्तर के संगठन और सरकारें मिलकर पानी के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कई तरह की मुहिम चला रही है। बावजूद इसके पानी का सही और सीमित उपयोग नहीं होता। जल संकट को लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसके नतीजे मानव जाति के लिए चिंता का विषय है।
Water Crisis: क्या कहती है ये नई स्टडी
पानी को लेकर आयी नई स्टडी के मुताबिक, साल 2040 तक 44 देशों में पानी की भारी किल्लत पैदा हो जाएगी और साल 2025 तक ही दुनिया के 2.8 अरब लोग पीने के पानी को तरस जाएंगे। इसके साथ ही अगले 2 से 3 दशक में तो काफी ज्यादा जनसंख्या इससे प्रभावित होने वाली है।
जर्मनी में यूनिवर्सिटी ऑफ बोन के इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च में प्रोफेसर डॉक्टर यानिस मनियातिस और उनके कुछ स्टूडेंट्स ने इस बारे में रिसर्च की है। इससे संबंधित डेटा पर लंबी स्टडी के बाद टीम इस नतीजे पर पहुंची। अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि दुनिया में मेडिटेरियन देश धरती पर अपनी लोकेशन की वजह से सूखे की मार झेल सकते हैं, इन देशों को ज्यादा खतरा है। वहीं, पिछले 500 साल के इतिहास में यूरोप मौजूदा समय से लंबे सूखे से गुजर रहा है।
Water Crisis: 2025 तक हालात हो जाएंगे गंभीर
अध्ययन में बताया गया है कि साल 2025 तक दुनिया के 48 देशों के 2.8 अरब लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं होगा। वहीं, साल 2050 तक ये आंकड़ा 7 अरब तक पहुंच जाएगा। वर्तमान समय में दुनिया में सबसे ज्यादा पानी का इस्तेमाल अमेरिका और ग्रीस देशों के लोगों द्वारा किया जा रहा है। स्टडी में बताया गया है कि अधिकतर पानी सिर्फ सिंचाई और अलग-अलग चीजों में किया जाता है।
पानी को लेकर हुए अध्ययन में ये बात सामने आई है कि भले ही इंसान के लिए ये स्टडी चिंताजनक हो लेकिन पानी को बचाकर अपने भविष्य को सुधारा जा सकता है। हालांकि, पानी बचाने के लिए सरकार या संगठन कितनी ही मुहिम क्यों ना चला लें, लेकिन जब तक लोग खुद से पानी बचाने के लिए आगे नहीं आएंगे तब तक इसे सफल नहीं बनाया जा सकता।
Water Crisis: घर में भी इन तरीकों से बचा सकते हैं पानी
हमें लगता है कि घर में रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाला पानी ज्यादा नहीं है और इस पानी को बचाया नहीं जा सकता। मगर ऐसा नहीं नहीं घर में हर रोज हाथ धोने से लेकर कपड़े धोने तक हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। इन्हें हम छोटी-छोटी अपनी आदतें बदलकर बचा सकते हैं।
दाढ़ी बनाते समय, ब्रश करते समय, सिंक में बर्तन धोते समय, नल तभी खोलें जब सचमुच पानी की जरूरत हो। गाड़ी धोते समय पाइप की बजाय बाल्टी व मग का प्रयोग करें इससे काफी पानी बचता है। नहाते समय शावर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें काफी पानी की बचत होगी। वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की बजाय कपड़े इकट्ठे होने पर ही धोएं।
ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें। सम्भव हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें। यह पेशाब के बाद थोड़ा पानी और शौच के बाद ज्यादा पानी का बहाव देता है। जहां कहीं भी नल या पाइप लीक करे तो उसे तुरन्त ठीक करवाएं। इसमें काफी पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकता है। बर्तन धोते समय भी नल को लगातार खोले रहने की बजाय अगर बाल्टी में पानी भर कर काम किया जाए तो काफी पानी बच सकता है।
RO machine द्वारा लिए गए कुल पानी का 75% पार्ट वेस्ट हो जाता है। इसलिए कोशिश करिए कि मशीन के रास्ते पाइप जो पानी निकल रहा है उसे बकेट में इकट्ठा कर लिया जाए या पाइप लम्बी करके उसे पौधों को सींचने के काम में लाया जाए। इसी तरह AC से निकलने वाले पानी को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
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