Environment Conservation: जीरो वेस्‍ट तकनीक से होगा North Delhi में कूड़े का निपटान, RWA और सोसाइटियां करेंगी मदद

Environment Conservation: नगर निगम के अनुसार आने वाले समय में यहां बने डीडीए फ्लैट और अन्‍य सोसाइटियों को भी इस अभियान के साथ जोड़ दिया जाएगा।

0
45
Environment Conservation and Zero Waste collections
Environment Conservation

Environment Conservation:राजधानी दिल्‍ली को कचरा मुक्‍त करने के लिए नगर निगम ने कवायद तेज कर दी है।शाहदरा दक्षिणी जोन की 100 सोसाइटियों और अन्‍य को जीरो वेस्‍ट तकनीक के जरिये साफ किया गया। इसके शानदार परिणाम को देखते हुए अब इस अभियान का विस्‍तार किया जा रहा है।इसे आगे बढ़ाते हुए अब नार्थ दिल्‍ली एमसीडी के केशवपुरम जोन में इसकी शुरुआत की जा रही है।इसमें नगर निगम के साथ ही स्‍थानीय आरडब्‍ल्‍यूए और सोसाइटियां भी योगदान करेंगी। पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ के साथ जुड़कर एमसीडी ने इस अभियान की शुरुआत की है।

Environment Conservation top news Zero Waste in MCD Delhi
Zero Waste Collection in Delhi.

Environment Conservation:उपायुक्‍त ने की बैठक

Environment Conservation: दिल्‍ली नगर निगम केशवपुरम जोन की उपायुक्‍त वंदना राव ने इस बाबत आईपीसीए और यहां की करीब 45 आरडब्‍ल्‍यूए पदाधिकारियों के साथ बैठक की।इसमें जीरो वेस्‍ट कॉलोनियों में परिवर्तन करने की दिशा में चर्चा की गई। नगर निगम के अनुसार आने वाले समय में यहां बने डीडीए फ्लैट और अन्‍य सोसाइटियों को भी इस अभियान के साथ जोड़ दिया जाएगा।

Environment Conservation: जानिए कैसे किया जाएगा कूड़े का निपटान?

इसके लिए एक खास एरोबिंस कंपोस्‍टर यूनिट तैयार की जाएगी। इसकी क्षमता 35 से 40 दिन में 400 लीटर गीले कचरे को रिसाइकिल करने की है।इसकी मदद से गीला कचरा खाद में तब्‍दील हो जाएगा।जिसका बाद में इस्‍तेमाल खाद के तौर पर पौधों के लिए किया जाएगा।
दरअसल एरोबिक कंपोस्‍टर यूनिट एक बॉक्‍स होता है।इसे रखने के लिए 3 फुट जगह की जरूरत होती है।इसकी खासियत है कि यह बिना बिजली और रसायन के यह गीले कचरे कासे रिसाइकिल कर सकता है।यह ऑक्‍सीजन के दबाव से गीले कचरे के कणों को रिसाइकिल करता है।

लोगों को करेंगे प्रशिक्षित

इसी क्रम में सोसाइटियों के घरों में काम कर रहीं महिलाओं, कूड़ा एकत्र करने वाले लोगों को एरोबिंस कंपोस्‍टर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।निगम की ओर से सोसाइटियों की ओर से जमा करवाया गया करीब 5 फीसदी भाग इस कार्य पर खर्च किया जाएगा।

खाद कहां होगी इस्‍तेमाल ?

  • रिसाइकिल खाद का इस्‍तेमाल पार्क, घरों और पौधरोपण के कार्यों में किया जाएगा।
  • इसे सोसाइटियां अन्‍य जगहों पर पौधरोपण के लिए बेच भी सकतीं हैं।
  • नगर निगम भी अपनी बागवानी विभाग के लिए खाद को ले सकता है।

संबंधित खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here