हाल ही में सेंसर बोर्ड के चेयरमैन के पद से हटाए गए पहलाज निहलानी ने पद से हटाए जाने का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है। उन्होंने इसके लिए सूचना प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, अनुराग कश्यप, एकता कपूर और नव नियुक्त सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को जिम्मेदार ठहराया। ईरानी पर निशीना साधचे हुए निहलानी ने कहा कि वह जहां भी जाती हैं अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करती है और इस चक्कर में मैं उनका पहला टारगेट बना।
निहलानी ने कहा यह सब कुछ तब शुरू हुआ जब मैंने मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदु सरकार’ को क्लियर नहीं कर रहा था। उन्होंने मुझे फोन किया और पूछा कि मैं इस फिल्म को हरी झंडी क्यों नहीं दे रहा हूं। मैंने कहा कि मैं सिर्फ गाइडलाइन को फॉलो कर रहा हूं और यह फिल्म अब ट्रिब्यूनल के पास है। मैंने उनसे कहा कि अगर वो चाहती हैं तो ट्रिब्यूनल से इसे क्लियर करा सकती हैं। इसके बाद मुझे हटाया गया।
निहलानी ने यह भी आरोप लगाया कि शाहिद कपूर स्टारर ‘उड़ता पंजाब’ को पास नहीं करने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय ने ही कहा था। गौरतलब है कि पंजाब के ड्रग-बिजनेस पर बनी इस फिल्म के रिलीज के समय बहुत बड़ा विवाद खड़ा हुआ था और फिल्म में 89 कट लगाने के लिए निहलानी को सब ने निशाने पर लिया था। निहलानी ने कहा, ‘मैं पहली बार इस बात का खुलासा कर रहा हूं कि फिल्म को पास नहीं करने के लिए मेरे ऊपर कई तरफ से प्रेशर था।’
निहलानी ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें सलमान खान स्टारर फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ को भी पास नहीं करने के लिए कहा गया था। इस फिल्म को रोकने के लिए उनके पास सीधे गृह मंत्रालय से कॉल आया था। निहलानी ने कहा कि, ‘मुझे मिनिस्ट्री से फोन आया था कि फिल्म को ईद के मौके पर रिलीज ना किया जाए। मिनिस्ट्री को ऐसा लगा था कि फिल्म लव जेहाद पर बनी है। लेकिन मैंने स्क्रिप्ट पहले ही सुनी थी। मैंने मिनिस्ट्री को लिखा कि वे इस फिल्म को गाइडलान्स के साथ देखें।’
आपको बता दें कि पहलाज निहलानी को उनका कार्यकाल खत्म होने से 9 महीने पहले ही हटाकर उनके जगह पर प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया है।
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