Indira Gandhi Emergency: फिल्म समाज का वो आइना है जिसे हमें समाज की सच्चाई का सामना कराता है। लेकिन, अफसोस की बात यह है कि जब भी किसी फिल्म में सरकार या समाज के खिलाफ कोई भी चीज दिखाई जाती है तो अक्सर उस डायरेक्टर या एक्टर को दबाने की कोशिश की जाती है। ऐसा ही कुछ दृश्य उस समय देखने को मिला था, जब देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पूरे देश में इमरजेंसी (आपातकाल) की घोषणा की थी।
इमरजेंसी लागू होने के बाद सरकार के खिलाफ उठाई गई हर आवाज को दबाने की कोशिश की गई है फिर चाहे वो फिल्मों के जरिए हो या लोगों के द्वारा की गई हो। तो आइए जानते हैं 1975 के आपातकाल के दौरान कैसी हो गई थी फिल्म इंडस्ट्री की हालत?
Emergency के दौरान इस तरह जल रहा था देश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘आपातकाल’ के दौरान देश में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। एक तरफ जहां विपक्षी दलों के नेताओं को जेल और उनके घरों में कैद कर दिया गया था इतना ही नहीं, सरकार के खिलाफ फिल्मों के द्वारा उठाई गई आवाजों को भी दबाने की कोशिश की गई। उस दौरान कई फिल्मों के प्रिंट को जला दिए गए, तो कई फिल्में आज तक रिलीज भी नहीं हुई।
जब पूरा देश इमरजेंसी के आग में जल रहा था तब सरकार ने फिल्म इंडस्ट्री को अपना खौफ दिखाकर उन पर दबाव बनाया। कहा जाता है कि वो एक ऐसा समय था जब फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े स्टार्स और स्क्रिप्ट राइटर्स, संजय गांधी और इंदिरा सरकार के आगे झुक गए थे। स्क्रिप्ट राइटर, संजय म्यूजिकल कंसर्ट ऑर्गनाइज करके संजय गांधी की तारीफ कर रहे थे। एक्टर दिलीप कुमार जैसे दिग्गज एक्टर्स भी सरकार की तारीफ करते नजर आए।
Emergency के दौरान फिल्म इंडस्ट्री पर ऐसे बनता था दवाब
देश में इमरजेंसी लागू करने के बाद इसके साइड इफेक्ट को दिखाने के बजाय सत्ता के पक्ष में बोलने के लिए बॉलीवुड इंडस्ट्री पर काफी प्रेशर बनाया गया। उस वक्त के तत्कालीन इन्फॉर्मेंशन ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर वीसी शुक्ला ने बॉलीवुड इंडस्ट्री पर सिर्फ प्रेशर ही नहीं बनाया बल्कि बकायदा धमकी देकर इमरजेंसी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने इंडस्ट्री के कई ऐसे स्टार्स को सत्ता के सपोर्ट में डॉक्यूमेंट्री बनाने का दबाव डाला। एक्टर्स द्वारा ऐसा न करने पर इसका असर उनके करियर और आने वाली फिल्मों पर भी देखने को मिलता था।
बता दें कि इमरजेंसी के दौरान वीसी शुक्ला ने एक्टर मनोज कुमार को सत्ता के समर्थन में डॉक्यूमेंट्री बनाने के लिए कहा था। जिससे एक्टर ने इंकार कर दिया तो उनकी फिल्म ‘शोर’ के रिलीज होने से दो हफ्ते पहले ही उसका प्रसारण दूरदर्शन पर कर दिया गया। इससे फिल्म बुरी तरह पिट गई और मनोज कुमार को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
सिर्फ इतना ही नहीं सिंगर किशोर कुमार को भी सरकार सपोर्ट करने के लिए कहा था। जब उन्होंने भी इससे इंकार कर दिया तो उनके गानों पर रोक लगा दी गई। उसके बाद दूरदर्शन पर उनकी फिल्मों को रोक दिया गया। इसके अलावा विजय आनंद, फिरोज खान, अमोल पालेकर और अभिनेता आत्मा राम के साथ भी ऐसा ही किया गया।
Indira Gandhi के ऊपर बनी फिल्म को भी करना पड़ा कंट्रोवर्सी का सामना
सत्ताकाल में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कई फैसले लिए जिनमें से कुछ ऐतिहासिक रहे तो कुछ विवादित। इंदिरा गांधी के इन्हीं फैसलों को लेकर उनके ऊपर एक फिल्म बनी थी ‘आंधी’, जो रिलीज होने से पहले कंट्रोवर्सी का सामना करना पड़ा। साल 1975 में पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म ‘आंधी’ रिलीज हुई थी, जिसको लेकर काफी बवाल भी मचा था। इस फिल्म पर इमरजेंसी के दौरान बैन लगा दिया गया। हालांकि, साल 1977 में भाजपा की सरकार आने के बाद इस फिल्म से बैन हटाकर इसे नेशनल चैनल पर दिखाया गया था।
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