कहते हैं कि ना बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया। सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार और घूसखोरी का आलम यह है कि आम आदमी तो ठीक है लेकिन अब मशहूर कमेडियन कपिल शर्मा को भी घूसखोरी का सामना करना पड़ रहा है। कपिल ने आज सुबह ट्वीट कर बीएमसी (बॉम्बे म्युनिसिपल कारपोरेशन) के अधिकारियों पर घूस मांगने का आरोप लगाया है। कपिल ने ट्वीट में लिखा कि, “मैं पिछले 5 सालों में 15 करोड़ इनकम टैक्स भर चुका हूं, इसके बावजूद मुंबई में अपना ऑफिस बनाने के लिए मुझे बीएमसी ऑफिस को 5 लाख रुपए घूस देना पड़ रहा है।’

इसके बाद उन्होंने अपने अगले ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर लिखा “ये है आपके अच्छे दिन?”

कपिल के ट्वीट के बाद ट्विटर पर तमाम लोगों ने अपनी राय देनी शुरू कर दी। जहां एक ओर कपिल के फैन्स ने कपिल का साथ दिया तो वहीं दूसरी तरफ मोदी प्रशंसक कपिल को सलाह देने लगे।

देश के प्रधानमंत्री को टैग हुआ देख राजनेता भी इस में खुद गए, बीजेपी से उत्तरी दिल्ली के सांसद और भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने कपिल को सलाह दी की उन्हें ये शिकायत लिखित में देनी चाहिए थी। और अगर वो 15 करोड़ टैक्स देते है तो उनकी सालाना इनकम 50-60 करोड़ होगी तो उनके तो ये अच्छे दिन हैं।

कपिल के इस ट्वीट के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस मामले पर ट्वीट कर कपिल से पूरी जानकारी मांगी और भरोसा दिलाया की दोषी को माफ़ नहीं किया जायेगा। सीएम फडणवीस ने अपने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी को भी टैग किया। सीएम ने तो बीएमसी के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए।

इस पूरे विवाद के अलावा कपिल पर भी दफ्तर में अवैध निर्माण करने का आरोप है। इस आरोप के सामने आने के बाद बीएमसी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बीएमसी ने कहा कि अवैध निर्माण की भी जांच की जाएगी। कपिल के इस आरोप पर बीएमसी के विजिलेंस अफसर अशोर पवार का बयान आया है। पवार ने कहा कि कपिल शर्मा घूस मांगने वाले अफसर का नाम बतायें।

पर सवाल ये उठता है कि जिस तरह से कपिल शर्मा जैसी हस्ती के एक ट्वीट पर तुरंत संज्ञान लिया गया, क्या आम जनता के लिए भी सरकार उतनी ही सक्रियता से काम करती है?