होली का त्यौहार आते-आते पूरा देश मस्ती से झुमने लगता है। होली की बात हो और बॉलीवुड की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। बॉलीवुड में जब भी होली की बात की जाती है तो सबसे पहले याद आती है। आर के स्टूडियो की होली। आर के स्टूडियो की होली सबसे प्रसिद्ध होली होती थी। एक समय था जब होली के दिन इंडस्ट्री के तमाम बड़े से लेकर छोटे स्टार्स एकजुट होकर यहाँ होली खेलते थे। बहुत खुशनुमा सा माहौल हुआ करता था।
आर के स्टूडियो में होली की शुरुआत पृथ्वीराज कपूर ने की थी। और यहाँ होली का जश्न तब तक चलता रहा जब तक राज कपूर थे। लेकिन 1988 में राजकपूर के निधन के साथ ही होली का ये जश्न खत्म हो गया। राज कपूर के भाई या बेटों ने इसे आगे चलाने में कोई खास रुचि नहीं दिखाई।
आरके स्टूडियो के इस होली के जश्न में नरगिस, वैजयंती माला, हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र, दिलीप कुमार, मनोज कुमार, राजेंद्र कुमार, जीतेंद्र, दारा सिंह, राकेश रोशन, प्राण, ज़ीनत अमान, मिथुन, राजेश खन्ना, प्रेमनाथ, अमिताभ, अनिल कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, राखी, रेखा, श्रीदेवी जैसे कलाकार शामिल होते थे।
उस जमाने में जिस भी छोटे-बड़े कलाकार को राज कपूर के यहां होली खेलने का न्योता मिलता था वह बहुत गर्व महसूस किया करता था, क्योंकि इससे इंडस्ट्री में उसकी हैसियत का अंदाजा होता था।
इस होली के जश्न में अमिताभ बच्चन ने ‘रंग बरसे भीगे चुनर वाली‘ गाना गाया। बाद में ये गाना उनकी ही आवाज में यश चोपड़ा की फिल्म सिलसिला में इस्तेमाल किया गया।
आरको स्टूडियो में जहां इतने सारे कलाकार शामिल होते थे, वहां एक बड़ा कलाकार ऐसा भी था, जो इस होली में कभी शामिल नहीं होता था। वो और कोई नहीं बल्कि देवानंद थे। दरअसल, इसकी वजह थी कि देवानंद को हाली खेलना पसंद ही नहीं था। इसलिए वो इसमें शामिल नहीं होते थे। होली के दिन शाम को राज कपूर से मिलने किन्नर आते थे। वे उनके साथ होली का जश्न मनाते थे।