1975 में डायरेक्टर रमेश सिप्पी की ‘शोले’ इंडियन सिनेमा की बेंच मार्क फिल्मों में से एक रही हैं। लोग इस फिल्म को अब तक ना जाने कितनी बार देख चुके होंगे पर अब भी इस फिल्म के कई सीन के पीछे की कहानी लोग नहीं जानते हैं। धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, जया बच्चन की यह फिल्म न जानें आपने कितनी बार देखी होगी लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि फिल्म के एक सीन की शूटिंग के लिए डायरेक्टर साहब को पूरे तीन सालों का वक्त लगा था।
इस सीन के पीछे की कहानी तब पता चली जब अमिताभ बच्चन ने ‘रमेश सिप्पी ऑफ सिनेमा एंड एंटरटेनमेंट’ के लॉन्चिंग इवेंट में यह बताया कि “शायद आपको याद हो ‘शोले’ के एक सीन में जया (बच्चन) लालटेन लेकर गलियारे में खड़ी थीं और मैं फॉर्म हाउस के बाहर माउथ ऑर्गन बजा रहा था। उस सीन के लिए एक विशेष तरह की लाइटिंग चाहिए थी। हमारे डायरेक्टर श्री दिवेचा सूर्यास्त के समय शॉट लेना चाहते थे। आप विश्वास नहीं करेंगे कि इस सीन को फाइनल करने में रमेश जी ने पूरे तीन साल का वक्त लगाया।”
दरअसल फिल्म बनाते वक्त अक्सर ऐसा होता है कि एक सीन और उसकी परफेक्ट लाइटिंग के लिए लोग लंबा समय लगाते थे और इस फिल्म के साथ भी ऐसा ही हुआ। अमिताभ आगे बताते हैं, “जब भी हम इस सीन की शूटिंग करने जाते थे, कुछ न कुछ हो जाता है और परफेक्ट लाइटिंग नहीं मिल पाती थी। और रमेशजी ने कह दिया था कि जब तक हमें परफेक्ट लाइट नहीं मिलेगी हम सीन शूट नहीं करेंगे। आखिरकार एक परफेक्ट फ्लैश के लिए हमनें तीन साल इंतजार किया।”
रमेश सिप्पी की तारीफ में बिग बी कहते हैं, “रमेशजी एक महान मोटिवेटर हैं, एक अद्भुत तकनीशियन और ऐसे टीचर हैं जो अपने आर्टिस्ट्स का ध्यान रखते हैं। सीन के पहले वे एक्टर्स के साथ बातचीत करते हैं। वे एक्टर्स की राय भी लेते हैं। उनके अंदर वे सारी गुण हैं जो सिनेमा को बेहतर बनाने के लिए जरूरी हैं।”
बता दें कि ‘शोले’ भारतीय सिनेमा का एक मील का पत्थर है। उसके हर सीन ने लोगों की सीटियां और तालियां बटोरी है। इसके हर एक डायलॉग लोगों के जुबान पर आज भी है, हर एक कैरेक्टर भारतीय सिनेमा में अमर हो चुके हैं। रमेश सिप्पी एक बेमिसाल डायरेक्टर हैं जिनकी तुलना किसी के साथ नहीं हो सकती।