7 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमडल की बैठक में पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया- PM Schools for Rising India – PM SHRI) नामक नयी पहल को मंजूरी दे दी गई है. योजना के तहत देश के 14,500 स्कूलों का देश की नई शिक्षा नीति के अनुसार कायाकल्प किया जाएगा.
पीएम श्री (PM SHRI) योजना का ऐलान शिक्षक दिवस 2022 के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किया था. ये योजना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy – NEP) के लिये एक प्रयोगशाला होगी. योजना से 18 लाख से अधिक छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना
केंद्र प्रायोजित पीएम-श्री योजना देश के 14,500 से अधिक स्कूलों के उन्नयन और विकास के लिये है.
इसका उद्देश्य केंद्र सरकार / राज्य सरकार / केंद्रशासित प्रदेश सरकार / स्थानीय निकायों द्वारा संचालित विद्यालयों में से चयनित मौजूदा विद्यालयों को मजबूत करना है.
बजट
पीएम श्री (PM SHRI) योजना (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया – पीएम उभरते भारत के लिए स्कूल) को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा, जिसकी कुल परियोजना लागत 27,360 करोड़ रुपये है. कुल परियोजना लागत में वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 18,128 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है.
प्रमुख विशेषताएं
पीएम श्री (PM SHRI) स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करेंगे और समय के साथ अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे और निकटवर्ती स्कूलों को मार्गदर्शन व नेतृत्व प्रदान करेंगे.
ये अपने-अपने क्षेत्रों में एक समान, समावेशी और आनंदमय स्कूल वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में नेतृत्व प्रदान करेंगे, जो विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी जरूरतों और बच्चों की विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ध्यान रखती है.
पीएम श्री स्कूल परामर्श प्रदान करके अपने संबंधित क्षेत्रों के अन्य स्कूलों को नेतृत्व प्रदान करेंगे.
कैसे होंगे ये स्कूल?
सौर पैनल और एलईडी लाइट, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त, जल संरक्षण और जल संचयन, पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित परंपराओं / प्रथाओं का अध्ययन, जलवायु परिवर्तन से संबंधित हैकथॉन और जैविक जीवन शैली को अपनाने के लिए जागरूकता जैसे पर्यावरण-अनुकूल पहलुओं को शामिल करने वाले हरित स्कूलों के रूप में पीएम श्री स्कूलों को विकसित किया जाएगा.
इन स्कूलों में अपनाया गया शिक्षाशास्त्र अधिक अनुभवात्मक, समग्र, एकीकृत, खेल/खिलौना आधारित (विशेषकर, प्राथमिक वर्षों में) पूछताछ-संचालित, खोज-उन्मुख, शिक्षार्थी-केंद्रित, चर्चा-आधारित, लचीला और मनोरंजक होगा.
प्रत्येक कक्षा में प्रत्येक बच्चे के सीखने के परिणामों पर ध्यान दिया जाएगा – संख्यात्मक, मौखिक और तार्किक तर्क कौशल का आकलन. सभी स्तरों पर मूल्यांकन वैचारिक समझ, वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग और योग्यता पर आधारित होगा.
प्रत्येक क्षेत्र (डोमेन) के लिए उपलब्धता, पर्याप्तता, उपयुक्तता और उपयोग के संदर्भ में उपलब्ध संसाधनों और उनकी प्रभावशीलता एवं उनके प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का आकलन किया जाएगा और कमियों को व्यवस्थित और योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.
रोजगार क्षमता बढ़ाने और बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए क्षेत्र कौशल परिषदों और स्थानीय उद्योग के साथ संपर्क स्थापित किया जाएगा.
परिणाम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए नियमित अंतराल पर इन स्कूलों का गुणवत्ता मूल्यांकन किया जाएगा.
डिजिटल शिक्षाशास्त्र का उपयोग करने के लिए आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी. पीएम श्री के तहत 100 फीसदी स्कूलों को आईसीटी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल पहल के तहत कवर किया जाएगा.
मौजूदा अवसंरचना (Infrastructure) को मजबूत करना
इन विद्यालयों को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित करने के लिए परिपूर्णता आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा. सभी स्कूलों को विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, आईसीटी सुविधा और वोकेशनल लैब आदि उपलब्ध कराए जाएंगे.
हरित स्कूल पहल
पीएम-श्री (PM SHRI) योजना में स्कूल की अवसंरचना के उन्नयन और सुविधाओं के निर्माण के लिए मौजूदा योजनाओं / पंचायती राज संस्थानों / शहरी स्थानीय निकायों और सामुदायिक भागीदारी के साथ समन्वय की परिकल्पना की गई है.
कैसे किया जाएगा कार्यान्वयन?
पीएम श्री स्कूलों को समग्र शिक्षा, केवीएस (केंद्रीय विद्यालय संगठन) और एनवीएस के उपलब्ध मौजूदा प्रशासनिक ढांचे के जरिए लागू किया जाएगा. अन्य स्वायत्त निकायों को जरूरत के आधार पर जोड़ा जाएगा.
इन स्कूलों की प्रगति का आकलन करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए इनकी सख्ती से निगरानी की जाएगी.
क्या होगी चयन की प्रक्रिया?
पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें विभिन्न स्कूल बेहतर स्कूल बनने के लिए सहायता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे. स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा. इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान, इस पोर्टल को वर्ष में चार बार, यानी प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा.
ऐसे प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1-5 / 1-8) और माध्यमिक / उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 1-10 / 1-12 / 6-10 / 6-12) जिनका प्रबंधन केंद्र / राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारों / यूडीआईएसई+ कोड वाली स्थानीय स्व-सरकारों द्वारा किया जाता है उनके चयन के लिए इस योजना के अंतर्गत विचार किया जाएगा.
स्कूलों का चयन निश्चित समय सीमा के अंदर तीन चरणों वाली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा.
पूरे भारत में कुल स्कूलों की संख्या की ऊपरी सीमा के साथ प्रति ब्लॉक/यूएलबी अधिकतम दो स्कूलों (एक प्राथमिक और एक माध्यमिक / उच्च माध्यमिक) का चयन किया जाएगा. स्कूलों के अंतिम चयन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा.
शिक्षक दिवस
देश के करोड़ों शिक्षकों, शोधकर्ताओं और प्रवक्ताओं के कार्यों के महत्त्व को पहचानने और मनाने के लिये वर्ष 1962 से प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.
वर्ष 1962 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, कुछ छात्रों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी, लेकिन राधाकृष्णन ने मंजूरी न देते हुए अनुरोध किया कि इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए.