आरबीआई एमपीसी के बड़े फैसले: सीआरआर में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती, ईएमआई सस्ती नहीं

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आरबीआई एमपीसी के बड़े फैसले:
आरबीआई एमपीसी के बड़े फैसले:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी ताजा बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। हालांकि, रेपो रेट में कोई बदलाव न होने के कारण कर्ज लेने वालों को फिलहाल ईएमआई में राहत नहीं मिलेगी।

मुख्य निर्णय

  1. CRR में कटौती:
    • CRR को 4% से घटाकर 3.5% किया गया है।
    • इससे बैंकों को अतिरिक्त धन मिलेगा, जिससे वे बाजार में अधिक लोन दे सकेंगे।
  2. रेपो रेट स्थिर:
    • रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखा गया है।
    • इससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य कर्ज की ब्याज दरें स्थिर रहेंगी।

इन फैसलों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

  1. आर्थिक विकास को बल:
    • CRR कटौती से बैंकों को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध होगी, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
    • बुनियादी ढांचा, कृषि और छोटे उद्योगों को इसका बड़ा फायदा हो सकता है।
  2. महंगाई नियंत्रण में:
    • रेपो रेट स्थिर रखने से आरबीआई ने संकेत दिया है कि महंगाई को नियंत्रण में रखना उसकी प्राथमिकता है।
  3. ईएमआई पर असर नहीं:
    • रेपो रेट में कोई बदलाव न होने से होम लोन और अन्य कर्ज की ईएमआई में कोई राहत नहीं होगी।

आरबीआई की रणनीति

आरबीआई का यह कदम विकास और महंगाई के बीच संतुलन बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा है। जबकि सीआरआर कटौती से बैंकों की लिक्विडिटी बढ़ेगी, रेपो रेट स्थिर रखने से यह सुनिश्चित होगा कि महंगाई काबू में रहे।

आगे की राह

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में आरबीआई महंगाई के आंकड़ों और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर नजर रखेगा। अगर महंगाई दर नियंत्रण में रही, तो अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

आरबीआई के इस फैसले से यह स्पष्ट है कि वह अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना चाहता है। हालांकि, आम जनता को फिलहाल ईएमआई के मोर्चे पर राहत के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।