सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड में आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाभ उठा रहे, आसाराम बापू की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 30 अगस्त, सोमवार तक के लिए टाल दी है। इस मामले को जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यम की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। राजस्थान राज्य की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ मनीष सिंघवी ने पीठ के समक्ष कहा कि आसाराम के अस्पताल में भर्ती होने और उनका एम्स में इलाज होने के कारण यह याचिका टाली गई है।

आसाराम बापू की ओर से मामले को देख रहे अधिवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि नया वकालतनामा दाखिल करने की जरूरत है और मामले की सुनवाई शुक्रवार को करने का अनुरोध किया। फिर उन्होंने अदालत से मामले को स्थगित करने और छुट्टी के बाद इसे सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। पीठ ने तिवारी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले को सोमवार के बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 4 जून को दोषी आसाराम बापू की ओर दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया था, जिसमें राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाभ उठाने के लिए सजा के अस्थायी निलंबन के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

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राजस्थान राज्य ने 7 जून को आसाराम की याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया था। अपने जवाब में कहा है कि आसाराम ने अपने चिकित्सा उपचार की आड़ में, अपनी सजा को निलंबित करने की इच्छा से, इस तरह के दो प्रयास पहले भी वर्ष 2014 में किए थे। और 2016 और दोनों पिछली बार सर्वोच्च न्यायालय ने डॉक्टरों की एक समिति बनाई थी जिसमें पाया गया था कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है और इतनी गंभीर नहीं थी कि बीमारी के किसी भी शल्य चिकित्सा प्रबंधन की आवश्यकता हो।

बता दें कि कोरोना से पीड़ित हो चुके आसाराम ने आग्रह किया है कि उन्हें एलोपैथिक दवाओं के सहारे न रखा जाए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक राज्य को इस संबंध में पक्ष रखने के लिए कहा है और अब मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

इससे पहले भी आसाराम बापू ने राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आसाराम बापू स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत याचिका की मांग कर रहा था। कोरोना से संक्रमित होने के बाद आसराम को एम्स में भर्ती किया गया था।

दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया गया था और उसके बाद से आसाराम बापू आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 2013 से ही आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है और कई बार बीमारी के बहाने उसने कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका पेश किया था। लेकिन आज तक ट्रायल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट ने आसाराम बापू की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं। 

साल 2018 में आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। एक अदालत ने आसाराम बापू को अपने आश्रम में लड़की से बलात्कार को दोषी पाया था। लड़की नाबालिग थी और उसने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मणाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को लड़की के साथ दुष्कर्म किया था।

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