पंजाब नेशन बैंक के साथ घोटाला करने वाले नीरव मोदी की 440 करोड़ की संपत्ति को बैंक को लौटाने की मंजूरी मिल गई है। मुंबई स्थित एक स्पेशल कोर्ट ने ईडी को आदेश देते हुए कहा कि, 440 करोड़ की संपत्ति को फौरन बैंक को लौटाया जाए। बता दें कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पब्लिक सेक्टर के बैंक PNB से धोखाधड़ी कर 14,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप है।
गौरतलब है कि घोटाले के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने नीवर मोदी की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। अब ईडी को जब्त संपत्ति को बैंक को देना होगा।
बता दें कि डिटेल आदेश गुरुवार (19 अगस्त, 2021) को अवेलबल हुआ था और Prevention of Money Laundering Act के विशेष न्यायाधीश वीसी बार्डे ने यह आदेश पिछले सप्ताह दिया।
पंजाब नेशनल बैंक ने जुलाई 2021 में कई अप्लीकेशन दायर कर उन संपत्तियों को लौटाने की मांग थी जो नीरव मोदी की दो कंपनियों फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (FDIPL) और फायरस्टार इंटरनेशनल (FIL) को क्रेडिट सुविधा देने के लिए बैंक के पास गिरवी रखी गई थीं।
पीएनबी ने व्यक्तिगत वादी और पीएनबी कंसोर्टियम के प्रमुख बैंक के तौर पर और UBI कंसोर्टियम के अधिकृत प्रतिनिधि के तौर पर आवेदन दाखिल किए थे।
कई संपत्तियां नीरव मोदी के दिसंबर 2019 को ‘‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’’ घोषित होने के बाद जब्त की गई थीं। बैंक और कर्ज देने वाले बैंकों के समूह ने इन्हें जब्त करने का विरोध किया था क्योंकि नीरव मोदी और चौकसी ने एग्रीमेंट पेपर लेने के लिए इन संपत्तियों को उनके पास गिरवी रखा था। अदालत ने पीएनबी को यह लिखित में देने को कहा है कि अगर भविष्य में उन्हें संपत्तियां या उसका मूल्य लौटाने के निर्देश दिए जाते हैं तो वे उसे लौटा देंगे।
कोर्ट ने संपत्ति दिए जाने के अनुरोध वाली दो याचिकाओं को स्वीकार किया था जिनमें 108.3 करोड़ रुपये की एफआईएल और 331.6 करोड़ रुपए वाली एफडीआईपीएल शामिल है। कोर्ट ने कहा कि,‘‘याचिकाकर्ता (बैंक) को हुए नुकसान को DRT ने स्वीकार किया है, जिसने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है।’’ ईडी ने जांच के दौरान नीरव मोदी की कई संपत्तियों को जब्त कर लिया था जो नीरव ने परिवार के सदस्यों और उन कंपनियों के जरिए हासिल की थी।
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