कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा को ‘सुप्रीम कोर्ट की अवमानना’ मामले में कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। कुणाल कामरा के आपत्तिजनक ट्वीटस के लिए एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अवमानना के मुकदमे की सहमति दी थी। कामरा ने एक ट्वीट में CJI के बारे में उंगली के ज़रिए अश्लील और अपमानजनक इशारा किया था। इससे पहले कुणाल कामरा ने अर्णब गोस्वामी को जमानत मिलने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को अदालत में पेश होने की जरूरत नहीं है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ ने दोनों को अलग-अलग नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया। हालांकि पीठ ने अवमानना के अन्य मामलों में दोनों को सुनवाई के दौरान पेश होने से छूट दे दी।
कुणाल कामरा के खिलाफ दायर याचिकाओं में एक याचिका विधि के छात्र श्रीरंग कटनेश्वर्कर ने दायर की है और उन्होंने दावा किया कि 11 नवंबर को कामरा ने ये ट्वीट तब करने शुरू किए जब अर्नब गोस्वामी को शीर्ष अदालत द्वारा जमानत मिली। कामरा ने फिर कई ट्वीट किए जो उच्चतम न्यायालय के लिए आपमाजनक थे।