‘थप्पड़ मारने’ वाले बयान को लेकर मुंबई पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे(Union Minister Narayan Rane) को छोड़ दिया गया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे(Chief Minister Uddhav Thackeray) को ‘थप्पड़ मारने’ वाली बात को लेकर मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। करीब आठ घंटे के बाद राणे को जमामत दे दी गई। महाड़ में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने उनकी हिरासत के लिए पुलिस के अनुरोध को खारिज कर दिया, लेकिन राणे को दो दिन महाड़ पुलिस स्टेशन(Mahad Police Station) में उपस्थित होने के लिए कहा है। ऐसे में राणे को अभी थानों के चक्कर काटने पड़ेंगे। अदालत में राणे को कुछ शर्तों पर उन्हें रिहा किया है।
कुछ औपचारिकताओं के लिए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के आवास से वकीलों का एक दल रवाना हुआ। केंद्रीय मंत्री अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिए आज में बंबई उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर करेंगे। कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री को 31 अगस्त और 13 सितंबर को पूछताछ के लिए रत्नागिरी थाने में बुलाया है। कोर्ट ने राणे को भविष्य में इस तरह का अपराध नहीं करने की भी चेतावनी दी है। एएनआई से बात करते हुए, नारायण राणे के वकील संग्राम देसाई ने कहा, ‘जमानत देते समय, अदालत ने कुछ शर्तें रखी हैं जो इस प्रकार है- वह 31 अगस्त और 13 सितंबर को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन में मौजूद रहेंगे और भविष्य में इस तरह का अपराधों को नहीं दोहराएंगे।’
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वहीं, इस बीच, भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने बताया कि पार्टी गुरुवार को महाराष्ट्र में जन आशीर्वाद यात्रा फिर से शुरू करेगी। बता दें कि राणे की जन आशीर्वाद यात्रा से जोड़कर मुंबई पुलिस ने कुल 42 प्राथमिकी दर्ज की हैं।
राणे का विवादित बयान क्या था?
राणे ने 23 अगस्त को रायगढ़ जिले में अपनी जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कहा था, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता का साल नहीं पता है। वह अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के सालो की गिनती के बारे में पूछने के लिए पीछे झुक गए। अगर मैं वहां होता तो एक जोरदार थप्पड़ मार देता।’
कोर्ट में सुनवाई के दौरान की घटना
महाड़ कोर्ट में सरकारी वकील भूषण साल्वी ने भाजपा नेता को सात दिन की पुलिस हिरासत में देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच जरूरी है कि कहीं मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश तो नहीं है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आवेदन का विरोध करते हुए, राणे के वकीलों ने तर्क दिया कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है और उन्हें शुगर और ब्लड प्रेशर की समस्या है।
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अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस को केंद्रीय मंत्री की हिरासत से इनकार कर दिया। इसके बजाय इसने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया और फिर, उनके वकीलों की ओर से दायर याचिका पर, राणे को 15,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। आपको बता दें कि ठाकरे के खिलाफ राणे की टिप्पणी के बाद शिवसेना के कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए। कार्यकर्ताओं ने मुंबई में पोस्टर लगाए, जिसमें राणे को मुर्गी चोर कहा गया था, जो पांच दशक पहले चेंबूर इलाके में शुरू की गई उनकी मुर्गी की दुकान से जोड़ा गया था।