इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 24 नवंबर को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को ‘घोषित अपराधी’ के तौर पर घोषित करने के फैसले को दो दिसंबर तक के लिए टाल दिया है।

न्यायमूर्ति आमिर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए शरीफ को 24 नवंबर तक पेश होने का आदेश दिया था। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें अपराधी घोषित कर दिया जाएगा।

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार कार्यालय ने अल-अजीजिया और एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में अपील पर कार्यवाही का लिखित आदेश जारी किया था।

विदेश कार्यालय में यूरोप मामलों के निदेशक मोहम्मद मुबाशीर खान ने पीठ के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि नवाज अदालत की कार्यवाही से अवगत हैं।

कोर्ट ने संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों – एजाज अहमद और तारिक मसूद के बयान दर्ज करने का फैसला किया और इस मामले पर अब आगे की सुनवाई दो दिसंबर के लिए निर्धारित कर दी गई है।

पूर्व में एक अदालत ने नवाज को अल अजीजिया स्टील मिल्स एंड हिल मेटल इस्टैब्लिशमेंट संदर्भ में दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल के लिए सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य ठहराते हुए 2.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था । इस संदर्भ में नवाज को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी और उन्हें फ्लैगशिप संदर्भ में बरी कर दिया गया था।

चिकित्सा आधार पर अल अजीजिया संदर्भ में नवाज को पिछले साल आठ हफ्ते की जमानत दी गई थी जो फरवरी में समाप्त हो चुकी है।

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