केंद्र की मोदी सरकार देश को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहें है और उनको इस कड़ी में सफलता भी मिली है। विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ते हुए अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार रेकॉर्ड दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में 412 करोड़ डॉलर (26,780 करोड़ रुपये) बढ़कर 42,191 करोड़ डॉलर (27.42 लाख करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इससे पहले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर बढ़कर 41,789 करोड़ डॉलर (27.16 लाख करोड़ रुपये) हो गया था।
डिवलेपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर (डीबीएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के कारण भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ता जाएगा। उसने कहा कि यदि सरकार की ओर से कोई गतिरोध पैदा करने वाला फैसला नहीं हुआ तो लगातार नए स्तर को छुएगा। इसका फायदा रुपये की बढ़त में देखने को मिलेगा। पिछले साल रुपये ने छह फीसदी से ज्यादा की बढ़त हासिल की थी। डीबीएस ने कहा कि विदेशी भंडार में वृद्धि भारत को बाहरी संकटों से सुरक्षा देगी।
विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोत्तरी होने की वजह से भारत दुनिया टॉप 7 देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है।
US डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में नए सुधार एजेंडे से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक उभरते बाजारों के कमजोर इकोनॉमिक आउटलुक के बावजदू भारत की स्थिति बेहतर है
भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार से चिंतित अमेरिका ने अब इस पर नजर रखने का फैसला किया है। यूएस ट्रेजरी ने इस बारे में एक रिपोर्ट जारी की है। इसे अमेरिकी कांग्रेस को भी सौंपा गया है। दरअसल अमेरिका रुपये में मजबूती से चिंतित है। अगर रुपया में डॉलर के मुकाबले मजबूती जारी रहती है तो इससे अमेरिकी कंपनियों और अमेरिकी कर्मचारियों पर खराब असर पड़ेगा।