SBI: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) समेत प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा (Kotak Mahindra Bank) और फेडरल बैंक (Federal Bank) ने ग्राहकों को दिवाली से पहले बड़ा झटका दिया है। अब इन बैंको से कर्ज लेना महंगा हो गया है। इन बैंको ने फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। बैंकों ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) बढ़ा दिए हैं। जिससे अब ग्राहकों को लोन लेना महंगा होने वाला है। इससे अब ग्राहकों पर EMI का भी बोझ बढ़ा जाएगा।

SBI बैंक से कर्ज लेना अब महंगा
बैंक से कर्ज लेना अब महंगा हो गया है। बैंक ने फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। नई दरें 15 अक्टूबर 2022 से लागू हो गई हैं। एमसीएलआर रेट में बढ़ोतरी के बाद 1 महीने, 3 महीने की अवधि के लिए नई दर 7.35 फीसदी से बढ़कर 7.60 फीसदी हो गई है। वहीं, 6 महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर 7.65 फीसदी से बढ़ाकर 7.90 फीसदी कर दिया गया है। दूसरी ओर, एक वर्ष की अवधि के लिए दर को 7.70 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया गया है। दो साल की अवधि के लिए उधार दर 7.90 फीसदी से घटाकर 8.15 फीसदी कर दी गई है। इसलिए 3 साल की अवधि के लिए एमसीएलआर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दिया गया है
एमसीएलआर क्या है?
किसी भी बैंक के एमसीएलआर में बढ़ोतरी से कार, पर्सनल और होम लोन महंगा हो जाता है। एमसीएलआर या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को कर्ज दे सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2016 में MCLR पेश किया, जो विभिन्न प्रकार के ऋणों के लिए ब्याज दरों को निर्धारित करता है। यह बैंकों को उधार देने के लिए आंतरिक संदर्भ दर है। बैंक 30 सितंबर 2019 तक एमसीएलआर लिंक्ड होम लोन दे रहा था। एमसीएलआर वो न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को कर्ज ऑफर करते हैं।
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