Saree: आमतौर पर साड़ी शब्द का जिक्र आते ही सभी लोगों के आगे ऐसी महिलाओं का चेहरा आता है, जो गहनों में सजी संवरी और सुंदर साडि़यों में लिपटी महिलाएं होती हैं। भारतीय महिलाओं की पहचान बन चुकी साड़ी आज महज कपड़ा नहीं, बल्कि एक बड़े कारोबार की शक्ल ले चुकी है। हालिया जारी इकोनॉमी रिपोर्टस के अनुसार पूरे देश में साड़ी का कारोबार आज 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है।
जानकारी के अनुसार भारत में करीब 37 करोड़ महिलाएं जिनकी उम्र 25 से अधिक है, वे साड़ी खरीदने पर सालाना औसतन 3,500 से 4,000 रुपये खर्च करती हैं।आबादी के हिसाब से देखें तो सबसे बड़ा क्षेत्र उत्तर भारत में साड़ी के कारोबार का हिस्सा कुल 15,000 करोड़ रुपये का है।

Saree: सालाना 6 फीसदी की दर से कारोबार बढ़ने की संभावना

इकोनॉमी सर्वे संस्था की ओर से किए गए सर्वे में पता चला है कि वर्ष 2031 तक देश में साड़ी पहनने वाली महिलाओं की संख्या 45.5 करोड़ और 2036 तक 49 करोड़ होने की संभावना है।टेक्नोपार्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत में साड़ी का कारोबार वित्त वर्ष 2020 से 2025 के बीच सालाना 6 फीसदी की दर से बढ़ सकता है।
Saree: मार्बल शिफोन, कॉटन, चिकनकारी साड़ी महिलाओं की पसंद

सर्वे के अनुसार महिलाओं की खास पसंद बनारसी साड़ी हैं।ये मशहूर होने के साथ भी नए डिजाइन और कैटालॉग में महिलाओं को खूब लुभाती है।इसके अलावा मार्बल शिफोन, कॉटन, चिकनकारी, जॉर्जट, क्रेप और सिल्क ये विशेषकर दक्षिण भारतीय राज्य में महिलाएं पसंद की जाती हैं। इसके बाद महिलाओं को राजस्थान की कोटा साड़ी बेहद पसंद आती हैं।
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