केंद्र सरकार 1 नवंबर 2025 से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) पंजीकरण प्रक्रिया को और सरल बनाने जा रही है। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद नए आवेदकों को केवल 3 कार्यदिवस के भीतर ही रजिस्ट्रेशन की मंजूरी मिल सकेगी। यह प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा हाल ही में स्वीकृत सुधारों का हिस्सा है।
कम मानव हस्तक्षेप, तेज़ मंजूरी
- नए सिस्टम में आवेदन की जांच काफी हद तक स्वचालित हो जाएगी, जिससे मानवीय दखल कम होगा।
इस व्यवस्था के तहत दो श्रेणियों के आवेदकों को ऑटो-अप्रूवल मिलेगा — - वे आवेदनकर्ता, जिन्हें सिस्टम डेटा एनालिसिस और रिस्क असेसमेंट के आधार पर लो-रिस्क श्रेणी में रखता है
- वे व्यवसाय, जिनका मासिक आउटपुट टैक्स 2.5 लाख रुपये से कम है
वित्त मंत्री का बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए कहा कि इस नए सुधार का लाभ करीब 96% नए रजिस्ट्रेशन आवेदकों को सीधे तौर पर मिलेगा।
गाजियाबाद में नए सीजीएसटी भवन के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा कि अब सरकार का फोकस सिर्फ नीतियां बनाने से आगे बढ़कर उन्हें जमीनी स्तर पर कुशलतापूर्वक लागू कराने पर है।
उन्होंने राज्य और केंद्र दोनों की जीएसटी इकाइयों से अपील की कि नई प्रक्रिया को बिना किसी जटिलता के अपनाया जाए और करदाताओं के प्रति सम्मानजनक व्यवहार रखा जाए। साथ ही टैक्स चोरी रोकने के लिए प्रशासन को और सख्त रुख अपनाने की भी आवश्यकता बताई।
आयकर प्रक्रियाओं में भी सुधार
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को और सुगम बनाने के लिए स्वचालित रिफंड सिस्टम और जोखिम-आधारित ऑडिट लागू किए गए हैं।
उन्होंने सभी जीएसटी सेवा केंद्रों में पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ति और हेल्पडेस्क स्थापना की बात भी कही, ताकि आम करदाताओं की शिकायतों और प्रश्नों का त्वरित समाधान किया जा सके।









