रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी को देश के सबसे अमीर और एशिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है। जियो लॉन्च होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम दुनिया की टॉप कंपनियों में शामिल है। देश के इतने अमीर होने के बाद भी मुकेश अंबानी पर अरबों का कर्ज है। बता दें कि 15 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब रिलायंस इंडस्ट्रीज पर इतने अरबों का कर्ज है। मुकेश अंबानी भले ही कर्ज में डूबे हो लेकिन मुकेश अंबानी अब भी दुनिया के 19वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।

7अरब के कर्ज में डूबे मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 38 बिलियन डॉलर यानी 24.70 खरब के करीब है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खरबों की प्रॉपर्टी वाले मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस के ऊपर करीब 12 बिलियन डॉलर यानी 7 खरब के करीब कर्ज है। थोड़ा आसान करें तो कंपनी पर कुल 78000 करोड़ का कर्ज है। पिछले 15 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज पर इतना बड़ा कर्ज है। साल 2018 में यह कर्ज मैच्योर हो रहा है। कंपनी के सभी बिजनेस इस वक्त मुनाफे में हैं। टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक साल पहले एंट्री लेने वाली रिलायंस जियो ने भी पिछले साल दिसंबर तिमाही में 500 करोड़ का शुद्ध मुनाफा किया था।

 अलगअलग समय पर लिया कर्ज

रिलायंस ने 12 बिलियन डॉलर का कर्ज अलग-अलग समय पर लिया। यह कर्ज टेलीकॉम वेंचर, रिलायंस जियो इंफोकॉम और दुनिया की सबसे बड़ी जामनगर रिफाइनरी के लिए लिया था।

 डेढ़ खरब रुपए कम हुआ व्यापार

ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, इस साल मुकेश अंबानी का व्यापार पिछले साल के मुकाबले 2.30 बिलियन डॉलर यानी करीब डेढ़ खरब रुपए कम हुआ है। वहीं, इसी अवधि में उनकी संपत्ति में 9.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 6 खरब बढ़ी है।  ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, दुनिया के 500 सबसे अमीर व्यक्तियों में मुकेश अंबानी के अलावा 23 भारतीयों का नाम शामिल है।

मुकेश अंबानी को छोड़ना पड़ेगा एक पद

मुकेश अंबानी पर जहां इतना बड़ा कर्ज है। वहीं, सेबी के एक आदेश से भी उनकी मुश्किलें बढ़ी हैं। देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी को अपना एक पद छोड़ना पड़ेगा। शेयर मार्केट रेगुलेटर सेबी के फैसले के मुताबिक, नए नियम के तहत अप्रैल 2020 से सीएमडी यानी चेयरमैन और एमडी अपने पास सिर्फ एक ही पद रख सकेंगे। आसान भाषा में समझें तो ये लोग चेयरमैन और एमडी में से एक ही पद अपने पास रख सकेंगे। दूसरा पद इन्हें मजबूरन छोड़ना पड़ेगा।