Johnson Baby Powder: छोटे बच्चों के लिए जब भी किसी पाउडर की बात होती है तो, जॉनसन बेबी पाउडर का नाम लोगों के जेहन में जरूर आता है। भारत में जन्मे बच्चों के लिए यही पाउडर ज्यादातर इस्तेमाल करते हुए देखा जाता रहा है। लेकिन, अब जॉनसन बेबी पाउडर बनाने वाली कंपनी के लिए एक बुरी खबर आई है। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार के एफडीए (Food and Drug Administration) ने जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे जॉनसन बेबी पाउडर के मैन्यूफैक्चरिंग की लाइसेंस को रद्द कर दिया है। इसके बाद अब कंपनी टेल्क बेस्ट पाउडर की महाराष्ट्र में मैन्यूफैक्चरिंग और बिक्री नहीं कर पाएगी।

Johnson Baby Powder: मुंबई, नासिक और पुणे से लिए गए थे सैंपल
मिली जानकारी के अनुसार, जॉनसन बेबी पाउडर स्टैंडर्ड क्वालिटी पर खरा नहीं उतरा है। बताया गया कि जॉनसन बेबी पाउडर के सैंपल मुंबई, नासिक, पुणे और मुलुंड से लिए गए थे। ये सैंपल जांच में स्टैंडर्ड क्वालिटी में सही नहीं पाए गए, जिसके बाद एफडीए ने कार्रवाई की है। एफडीए की मानें, तो जॉनसन बेबी पाउडर के सैंपल लैब में टेस्ट के दौरान पीएच वैल्यू के मुताबिक नहीं थे। कोलकाता के औषधि प्रोगशाला की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की गई। रिपोर्ट से मालूम हुआ था कि जॉनसन बेबी पाउडर का स्टैंडर्ड क्वालिटी सही नहीं है।
एफडीए ने कहा कि इस पाउडर के इस्तेमाल से नवजात बच्चों की स्किन को नुकसान हो सकता है। इसने कंपनी को पाउडर को वापस लेने की भी बात कही है। वहीं, इसके साथ ड्रग एंड एडमिनिस्ट्रेशन एक्ट, 1940 के आधार पर कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, नोटिस में पूछा गया है कि लाइसेंस के निलंबन अथवा रद्द करने जैसी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए?
लंबे समय से कंपनी बेच रही है भारत में पाउडर
मालूम हो कि भारत में जॉनसन बेबी पाउडर को अमेरिकी कंपनी लंबे समय से बेच रही है। इस पाउडर का भारतीय मार्केट में काफी पॉपुलैरिटी भी है। देश में कंपनी पाउडर के अलावा, बेबी ऑयल, शैम्पू और बेबी सोप भी बेचती है। वहीं, मामले में कंपनी ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन विश्व भर के हेल्थ विशेषज्ञों के साइंटफिक विश्लेषण के पीछे मजबूती से खड़ा हुआ है। कंपनी का कहना है कि उनका विश्लेषण यह साबित करता है कि टैल्क आधारित जॉनसन बेबी का पाउडर सुरक्षित है। पाउडर में एस्बेस्टस नहीं है और ना ही पाउडर से कैंसर होता है। यह पहली बार नहीं है जब कंपनी पर ऐसे आरोप लगे हुए हैं। इससे पहले भी कंपनी के पाउडर से कैंसर होने के आरोप लग चुके है। इसी कारण कंपनी के पाउडर बिक्री में गिरावट भी आई थी।
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