विमानन कंपनी एयर इंडिया ने घाटा कम करने के लिए एयरपोर्ट्स पर इस्तेमाल न होने वाले कुछ हैंगर (बिना इस्तेमाल वाले पार्किंग स्थान) को खाली करने का फैसला किया है। लागत में कटौती के लिए कंपनी इसके अलावा वहां पड़े कबाड़ को भी बेचने की तैयारी कर रही है।
कंपनी के सीएमडी राजीव बंसल ने बताया कि हैंगर स्पेस छोड़ने से कंपनी पर किराए का बोझ कम होगा और कबाड़ बचेने से कुछ पैसा जुटाया जा सकेगा।
लागत में होगी कटौती:
एअर इंडिया ने विनिवेश की चर्चा के बाद से उपभोक्ता सेवा बेहतर बनाने के लिए लागत में कटौती की कोशिशें तेज कर दी हैं। कंपनी के सीएमडी बंसल फ्लाइट्स के दौरान सुविधाओं को बढ़ाने और लागत को घटाने का प्रयास कर रहे हैं।
बंसल ने कहा, “बिना इस्तेमाल के हैंगर पर काफी सामान पड़ा है। यह गैर जरूरी है, जिसे बिना वजह कंपनी ढो रही है। कंपनी इस सामान को बेच देगी। इससे उसे कुछ पैसा जुटाने में मदद मिलेगी। इस एक्ट्रा स्पेस को खाली करने से कंपनी के ऊपर से किराए का बोझ भी घटेगा।
बंसल ने कहा, “दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर काफी एक्स्ट्रा स्पेस है। दिल्ली में एक विमान हैंगर पर खड़ा था, जिसे नीलाम किया गया। इसी तरह मुंबई एयरपोर्ट पर काफी स्क्रैप है, जिसे हटा कर हैंगर स्पेस खाली किया जाएगा।‘
आपको बता दें की हैंगर उसे कहते हैं जहां पर जहाजों को मेंटिनेंस के लिए खड़ा किया जाता है।
एअर इंडिया के पास इस वक्त 142 जहाज हैं। जिसमे से 42 विमान विदेशी और 70 घरेलू गंतव्य के लिए उड़ान भरते हैं।
राजीव बंसल ने कहा, “हमारी प्राथमिकता कस्टमर्स के लिए सुविधा बढ़ाना है, इससे हमें पैसा मिलेगा। दूसरी प्राथमिकता है कि हम कम खर्च में यह कर पाएं, जिससे हमारे पास पैसा बचे। कंपनी के ऊपर करीब 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।”