आज गूगल देश की पहली महिला फोटोग्राफर ‘होमी व्यारावाला’ का 104वां जन्मदिन मना रहा है। गूगल ने होमी के जन्मदिन पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी। महिलाओं का जीवन शुरू से ही कठिन रहा हैं। आज महिलाएं अपनी मनमर्जी की जॉब करने के लिए आजाद हैं, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। आज से 100 साल पहले महिलाओं को नौकरी करने की इजाजत बहुत मुश्किल से दी जाती थी। ऐसे में एक महिला का फोटोग्राफी करना असंभव के बराबर था। लेकिन 13 दिसम्बर 1913 को जन्मी होमी ने इस असंभव काम को संभव कर दिखाया। उस सदी में जहां कैमरे को भी आश्चर्यजनक चीज माना जाता था, ऐसे में होमी का इस क्षेत्र में आना किसी अजूबे से कम नहीं था।
होमी का जन्म गुजरात के एक पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता हिंदू थिएटर में अभिनेता के रूप में काम करते थे। होमी का जन्म गुजरात में जरूर हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई मुंबई के सर जेजे स्कूल ऑफ ऑर्ट से पूरी की। होमी को बचपन से ही घूमने का बहुत शोक था।
कैद करना चाहती थी दुनिया को
व्यारावाला शुरू से ही इस दुनिया को एक अलग नजरिए से देखती थी। उनका मानना था कि ये देश बहुत खूबसूरत हैं और वह हर चीज को अपने पास कैद करके रखना चाहती थी। उनकी इसी सोच ने उन्हें फोटोग्राफी सीखने के लिए प्रेरित किया। अपनी इस चाह के चलते उन्होंने अपने एक दोस्त से फोटोग्राफी सीखी। 1930 में मात्र 17 साल की उम्र में ही होमी ने प्रोफेशनल फोटोग्राफी करना शुरू कर दिया था। दुनिया को एक अलग नजरिए और खूबसूरत अंदाज में देखने की इच्छा ने उन्हें भारत की पहली महिला फोटोग्राफर बना दिया।
होमी व्यारावाला ने 1970 में फोटोग्राफी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। होमी एक प्रतिभाशाली फोटोग्राफर थी, जिसके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण के सम्मान से नवाजा गया था।