पिछले दिनों एक व्यक्ति के शरीर से सरिया निकालकर करिश्मा करने वाले डॉक्टर बिप्लब मिश्रा और उनकी टीम ने एक और करिश्माई सर्जरी की है। दरअसल ऑफिस जा रहे एक युवक राकेश के पीठ पर किसी व्यक्ति ने बर्फ तोड़ने वाला एक सुजा (आइस पिक) पीछे से घोप दिया था, जो राकेश के पीठ को चीरते हुए फेफड़े तक चला गया था।
आम तौर पर ऐसी सर्जरी करने के लिए मरीज के शरीर मे बहुत बड़ा चीरा लगाया जाता है, लेकिन इस केस मे डॉक्टर बिप्लब ने इसे VATS यानी वीडियो असिस्टेड थोरेस्कोपिक सर्जरी से ऑपरेशन करने का फैसला किया। इस तकनीक में मरीज के शरीर मे छोटे-छोटे होल (छेद) करके कोई रॉड या रॉडनुमा चीज निकाली जाती है।
ऐसे सर्जरी में मरीज को बेहोशी के लिए दिए जाने वाले एनेस्थीसिया में भी डॉक्टर को पारंगत होने की जरूरत होती है। इसमें डॉं बिप्लब का सहयोग एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर ज्ञानेंद्र ने किया। डॉ ज्ञानेंद्र ने बताया कि हमने पहले मरीज की एक फेफड़े को एनेस्थीसिया दिया ताकि वह सांस ले सके। इसके बाद मरीज के पूरे शरीर के लिए एनेस्थीसिया दिया गया। डॉ ज्ञानेंद्र ने बताया कहा कि ऐसे केसेज में बहुत सावधानी रखनी पड़ती है और डॉक्टर को भी पारंगत होना पड़ता है।
वही सर्जरी करने वाले डॉ बिप्लब ने सुझाव देते हुए बताया कि कभी भी कोई चीज अगर आपके शरीर में घुस जाती है तो उसे निकालने की कोशिश खुद ना करें। एक्सपर्ट डॉक्टर ही उसका ऑपरेशन कर सकते हैं। अगर आप कोई चीज शरीर से बाहर निकालते हैं तो ब्लीडिंग की वजह से पेशेंट की जान भी जा सकती है।
वहीं एम्स ट्रॉमा सेंटर के चीफ राजीव मल्होत्रा ने कहा कि एम्स की कोशिश रहती है कि वह लोगों को वर्ल्ड क्लास की मेडिकल फैसिलिटी दे। इसके लिए वह लगातार प्रयासरत हैं।
मरीज राकेश ने कहा कि जब उस पर जानलेवा हमला हुआ था तब किसी ने उनकी मदद नहीं की। राकेश ने कहा कि एम्स आकर ही उसकी जान बच सकी, नहीं तो काफी मुश्किल होता। राकेश ने लोगों से अपील की कि अगर कोई चीज आपके शरीर में घुस जाती है तो उसे खुद निकालने की कोशिश ना करें बल्कि अच्छे डॉक्टर के पास जाएं ताकि आप की जान बच सके।