मामला था उत्तर प्रदेश के बलिया (Ballia) में हुई हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा पाए तीन अभियुक्तों का। जिनको इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) द्वारा मिली जमानत को मृतक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Y. Chandrachud) और एमआर शाह (M.R Shah) की पीठ ने ना केवल हाईकोर्ट द्वारा दी गयी अभियुक्तों की जमानत को रद्द किया बल्कि साथ ही ये भी कहा कि हाई कोर्ट ने अभियुक्तों को आठ महीने सजा काटने के बाद जमानत देने में भारी भूल की है। अदालत ने सभी अभियुक्तों को आगे की सजा भुगतने के लिए तत्काल समर्पण करने का आदेश दिया है। अदालत ने जांच करने वाले पुलिस अधिकारी और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को भी गलत रिपोर्ट देने और इस तरह सबूत नष्ट करने के कारण सजा सुनाई है।