अफगानिस्तान में चारों तरफ तालिबान का कब्जा है। हर तरफ उनकी सेना का राज है लोगों के भीतर बंदूकतंत्र का खौफ है। लोग देश छोड़कर अन्य देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। अफगानिस्तान में तालिबान का इसकदर आतंक है कि लोग जान बचाने के लिए विमान के पहिए पर लटक के भाग रहे हैं।
इस बीच रिफ्यूजी संकट पर काम करने वाली यूएन की ही एक और एजेंसी UNHCR ने अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों से मानवता के आधार पर बॉर्डर्स खुला रखने, लोगों को शरण देने, उन्हें मानवीय सहायता, इलाज, खाना, बच्चों को पोषण और रहने के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने की अपील की है। शरणार्थियों में एक बड़ी आबादी बच्चों और महिलाओं की है। स्वास्थ्य के लिहाज से इनपर फोकस करने के लिए दुनिया के देशों से मानवीय मदद के लिए आगे आने की अपील एजेंसी ने की है। तालिबान के खिलाफ नॉदर्न एलायंस के उतरने से अफगानिस्तान में अगर गृह युद्ध छिड़ता है तो आने वाले समय में ये संकट और भी गहरा सकता है।