अफगानिस्तान (Afghanistan) पर चारों तरफ तालिबान (Taliban) का कब्जा है। ऐसे में अमेरिका (America) अपने सैनिकों के साथ काम करने वाले सभी अफगानियों को वहां से निकाल रहा है। हालांकि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से चली गई है। पर अभी भी देश में कुछ लोग फंसे हुए हैं जिसे जो बिडेन (Joe Biden) की सरकार किसी तरह निकाल रही है। इसी में अमन खलीली का नाम शामिल हैं। यह वही अमन खलीली (Aman Khalili) हैं जिन्होंने साल 2008 में सीनेटर के पद पर काम करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन की जान बचाई थी।
साल 2008 में बचाई थी जान
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने खबर को पक्का करते हुए बताया कि कभी अमेरिकी सेना के साथ अफगानिस्तान में अनुवादक के तौर पर काम करने वाले अमन खलीली सकुशल देश से बाहर निकल गए हैं। जमीनी रास्ते से पहले पाकिस्तान पहुंचे वहां से अमेरिकी एयरलाइन ने कतर पहुंचा दिया है। खलीली अपने पांच बच्चों और पत्नी के साथ अमेरिका का वीजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
अमन खलीली ने राष्ट्रपति जो बिडेन की जान साल 2008 में बचाई थी। उस वक्त जो बिडेन राष्ट्रपति नहीं बल्कि सीनेटर के तौर पर काम करते थे। वह अपने सांसदों के साथ अफगानिस्तान का दौरा करने के लिए गए थे। तभी भारी बर्फ वाली जगह में उनका हेलीकॉप्टर खराब हो गया और इमरजेंसी लैडिंग करानी पड़ी। उस वक्त वहां पर तालिबान हमला भी कर सकता था। अमेरिकी सांसदों और राष्ट्रपति को बचाने के लिए जो टीम वहां पर मौजूद थी उसमें अमन खलीली भी शामिल थे।
पत्नी ने मांगी थी मदद
बता दें कि पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका उन लोगों को वहां से निकाल रहा है जिन्होंने अमेरिकी सेना का साथ दिया था। अमन खलीली की पत्नी ने जो बिडेन से गुहार लगाई थी कि उन्हें और उनके बच्चों को यहां से निकाला जाए। खलीली की पत्नी ने कहा था कि मुझे यकीन है कि जो बिडेन हमें बचा लेंगे।
अमन खलीली को अमेरिका ने तालिबान के कब्जे वाले देश से निकाल लिया है पर अभी तक उनको अमेरिका का वीजा नहीं दिया है। इसपर भी काफी बवाल हो रहा है। सवाल उठाया जा रहा है कि जिस व्यक्ति ने अमेरिकी सेना के साथ अनुवादक के तौर पर काम किया है उसे बिडेन की सरकार वीजा नहीं दे रही है।
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