Congress नेता Srinivas BV ने गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) पर तंज करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किया है। उन्होंने अजय मिश्रा की तुलना वेब सीरिज मिर्जापुर (web series mirzapur) के किरदार ‘कालीन भैया’ से की है। और उनके बेटे आशीष मिश्रा को एक अन्य किरदार ‘मुन्ना भय्या’ बताया है। साथ ही उन्होंने ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री पर भी हमला बोला है।
उन्होंने लिखा है कि अब ‘कालीन भैया’ गृहराज्य मंत्री के रोल में हो, तो ‘मुन्ना भैया’ को ‘नेपाल’ तो भगा ही सकते है.. बाकी ‘प्रधानमंत्री’ तो चौकीदार के किरदार में है ही। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि जब तक ‘कालीन भैया’ मोदी जी के मंत्री बने रहेंगे, तब तक मिर्जापुर वाले ‘मुन्ना भैया’ गिरफ्तार होंगे? आशीष मिश्रा के फोटो को ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि अगर इनके पिताजी ‘गृहराज्य मंत्री’ नही होते तो उत्तरप्रदेश में ‘मोनू-भैया’ का क्या हाल होता? एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि भाजपा का लाल – भेजा गया नेपाल।
कोर्ट ने भी सरकार को लगाया फटकार
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की कार्रवाई से असंतुष्टि जाहिर करते हुए इस मामले की जांच किसी दूसरी एजेंसी को देने के संकेत दिए। CJI ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले पर यूपी सरकार ने सही कदम नहीं उठाया। CJI के इस टिप्पणी का हरीश साल्वे ने भी समर्थन करते हुए कहा कि हां अफसरों को जरूरत के मुताबिक काम करना चाहिए था।
कोर्ट में हरीश साल्वे और CJI के बीच क्या बात हुई?
यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि जिस तरह से कार चलाई गई, उससे आरोप सही लगते हैं। यह संभवत: हत्या का ही मामला है। हालांकि हरीश साल्वे ने यह भी बताया कि मृतकों के पोस्टमॉर्टम में गोली के घाव नहीं मिले है। जस्टिस हिमा कोहली ने भी साल्वे की कार चलाने की घटना का समर्थन करते हुए कहा शायद हत्या का मामला है।
साल्वे ने आगे कहा कि इस घटना में हुई मौत को, शायद हत्या इसलिए कहा कि आरोपी यह न कहे कि मामले में मुझे पहले ही दोषी मान लिया गया। इस मामले में सबूत मजबूत है और अगर सबूत सही है तो ये धारा 302 के तहत हत्या का मामला है।