इस्लाम प्रचारक जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को दिल्ली हाई कोर्ट से बहुत बड़ा झटका मिला है। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन यानि आईआरएफ पर लगे बैन को सही ठहराया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरूवार को कहा कि केंद्र ने जाकिर नाइक की आईआरएफ को बैन करने का फैसला देश की सुरक्षा को हानि न पहुंचने के लिए किया था।
जाकिर नाइक ने केंद्रीय मंत्रालय के 17 नवंबर के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि जाकिर नाइक की याचिका में दम नहीं है और सरकार का बैन लगाने का फैसला न ही मनमाना है और न ही अवैध है। सरकार ने कहा कि गृह मंत्रालय ने जिस तथ्य पर बैन लगाया है उसके सबूत उनके पास मौजूद है।
दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा कि बैन लगाने का केंद्र सरकार का यह फैसला भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश अच्छी तरह सोच विचार करके लिया गया था क्योंकि सरकार ने आईआरएफ को गैर कानूनी गतिविधि कार्यों से संबंधित धाराओं के तहत बैन किया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अगर इंडिया के युथ को बचाना है तो इस तरह की संस्था को बैन करना जरूरी है।
आईआरएफ ने नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए कहा था कि सरकार ने उन्हें बिना नोटिस दिए हुए बैन लगाया था जबकि सरकार का कहना था कि यह मामला हमारे देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और ऐसे में नोटिस देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सरकार ने गैर कानूनी गतिविधयां अधिनियम के तहत आईआरएफ पर 5 साल के लिए बैन लगाया गया था।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में हुए एक रेस्टरेंट में आंतकी हमले के बाद जाकिर नाइक चर्चा में आए जिसके बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने नाइक और उसकी संस्था पर कड़ी कार्यवाही की।