इसरो (ISRO) जासूसी केस में CBI ने सोमवार को गुजरात (Gujarat) के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार (RB Sreekumar) की अग्रिम जमानत याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील की है। सीबीआई की ओर से यह याचिका केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई गई है।
CBI ने मामले में तीन अन्य आरोपियों की भी अग्रिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अगस्त में केरल हाईकोर्ट ने गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार को बड़ी राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी थी। आरबी श्रीकुमार 1994 के इसरो जासूसी मामले में 7वें आरोपी हैं।
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केरल हाईकोर्ट की ओर से इनके अलावा पूर्व आईबी अधिकारी पीएस जयप्रकाश और केरल पुलिस के 2 पूर्व अधिकारियों एस विजयन और थंपी एस दुर्गा दत्त को भी अग्रिम जमानत दी गई थी। इससे पहले जुलाई में भी आरबी श्रीकुमार को इसरो जासूसी मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से अंतरिम राहत दी गई थी।
वही, 24 अगस्त को इसरो जासूसी कांड में इसरो के वैज्ञानिक नम्बी नारायण और मालदीव के दो नागरिकों की अवैध गिरफ्तारी के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक सीबी मैथ्यूज को भी एक अदालत ने अग्रिम जमानत दे दी थी। मैथ्यूज के वकील ने बताया था कि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी कृष्णकुमार ने यह राहत दी। मालदीव के दो नागरिकों- मरियम रशीदा और फौजिया हसन की ओर से पेश हुए वकील प्रसाद गांधी ने भी अदालत के इस आदेश की पुष्टि की थी।
क्या है इसरो जासूसी मामला
बता दें कि ये मामला 1994 का है, जब जब भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के गोपनीय दस्तावेजों को विदेशों में स्थानांतरित करने का आरोप दो भारतीय वैज्ञानिकों पर लगाया गया था। इस मामले में रशीदा और फुसिया हसन नाम की मालदीव की दो महिलाओं को भी आरोपी बनाया गया था।
बाद में रशीदा को तिरुवनंतपुरम से गिरफ्तार किया गया था। उस समय इसरो में क्रायोजेनिक परियोजना के तत्कालीन निदेशक नारायणन को इसरो के उप निदेशक डी शशिकुमारन के साथ गिरफ्तार कर लिया था। बाद में नारायणन को क्लीन चिट दे दी गई थी। इसके बाद उन्होंने जासूसी मामले में उन्हें शामिल करने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।