Petrol- Diesel को GST के दायरे में लाने पर केंद्र सरकार (Central Government) विचार कर रही है। GST Council की 45वीं बैठक में शुक्रवार को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में पेट्रोल, डीजल और विमानन टर्बाइन ईंधन सहित पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाने पर चर्चा होने की संभावना है। इस कदम से पेट्रोलियम उत्पादों (Petroleum Products) की कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन इससे राज्यों द्वारा लगाए गए करों और केंद्र द्वारा उपकरों के राजस्व हिस्से में नुकसान होगा।
सूत्रों के मुताबिक परिषद लखनऊ में होने वाली अपनी बैठक में स्विगी और ज़ोमैटो जैसे खाद्य वितरण ऐप को रेस्तरां सेवाओं के रूप में शामिल कर सकती है। जून में केरल उच्च न्यायालय ने एक रिट याचिका के आधार पर जीएसटी परिषद से पेट्रोल और डीजल को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दायरे में लाने का फैसला करने को कहा था। सूत्रों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर जीएसटी के दायरे में लाने के लिए समयसीमा तय करने पर चर्चा शुरू करने का फैसला अदालत के फैसले के संदर्भ में लिया गया है।
Petrol- Diesel के दाम हो जाएंगे कम
जीएसटी की शुरूआत में जीएसटी के तहत पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल किया गया था, जिसमें परिषद ने इसके लागू होने की तारीख की सिफारिश की थी, जब भी यह लागू हो। देश में लगभग रिकॉर्ड उच्च पेट्रोल और डीजल दरें और पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी एवं कई तरह के करों को समाप्त कर देगा ( अब तक राज्य वैट न केवल उत्पादन की लागत पर लगाया जा रहा है। हालांकि इसके जीएसटी के दायरे में आने से केंद्र ऐसे उत्पादों पर उपकर से राजस्व का अपना हिस्सा खो देगा। पेट्रोल पर 32.80 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये उत्पाद शुल्क का अधिकांश हिस्सा उपकर से बना है, जिसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है।
ये भी पढ़े
Zomato के COO Gaurav Guptaने छोड़ी कंपनी, शेयरों में आई गिरावट